बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवादसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. 'बंग-भंग ने किस प्रकार क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय व विकास में भूमिका निभाई?
2. भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर -
अंग्रेजों व अंग्रेजी शासन के निरन्तर बढ़ते हुए अत्याचारों एवं शोषण से भारतीय जनता की सहनशक्ति धीरे-धीरे क्षीण पड़ती जा रही थी। उधर कांग्रेस के उदारपंथी नेताओं की असफलता से भी जनता में निराशा व आक्रोश बढ़ता जा रहा था। भारतीय एक लम्बे समय तक विभिन्न सुधारों की अपेक्षा ही करते रहें, किन्तु उन्हें ब्रिटिश सरकार से आश्वासनों के अतिरिक्त कुछ भी प्राप्त न हो सका। फलस्वरूप भारतीयों के पास अपने अधिकारों को जबरन प्राप्त करने के सिवाय कोई विकल्प शेष नहीं बचा।
इन्हीं परिस्थितियों में जब 'बंगाल विभाजन' का निर्णय सरकार द्वारा किया गया और इसे तमाम विरोधों के बावजूद क्रियान्वित किया गया तो जनता के धैर्य का बाँध टूट पड़ा। विशेष रूप से भारतीय नवयुवकों में क्रान्ति की लहर दौड़ गयी और यह क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय व विकास का महत्वपूर्ण कारण बनी। आगे चलकर इसी राष्ट्रवाद ने 'क्रान्तिकारी आन्दोलन का रूप धारण कर लिया।
वस्तुतः भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंग-भंग' की भूमिका व क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत किया जा सकता है -
(1) क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद का उदय और 'बंगाल विभाजन' - बंगाल के विभाजन से आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा मिला एवं इसी दौरान कुछ महत्वपूर्ण घटनायें हुई। उनमें से एक महत्वपूर्ण घटना थी अलीपुर षडयंत्र कांड, जिसने एक महत्वपूर्ण मोड़ तब लिया जब दो अभियुक्तों, केहाई लाल व सत्येन चाकी ने किसी प्रकार जेल में रिवाल्वर मँगाकर मुखबिर नरेन्द्र मोसाई की हत्या कर दी। सन् 1908 ई. में घटित एक घटना ने तो भारत व इंग्लैण्ड में तहलका मचा दिया। एक क्रान्तिकारी दल ने खदीम राम बोस व प्रफुल्ल चाकी नामक दो नवयुवकों को मुजफ्फरपुर के जज किंग्स फोर्ड की हत्या का काम सौंपा। इन्होंने जिस गाड़ी पर बम फेंका उसमें किंग्सफोर्ड के स्थान पर श्रीमती पिंगिल केनेडी की पुत्री व पत्नी थी। यद्यपि इनसे गलत व्यक्तियों की हत्या हुई परन्तु इस घटना ने अन्य युवकों को क्रान्तिकारी मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया और परिणामस्वरूप गणेश सावरकर के मुकदमें से सम्बन्धित जैकसन नाम के औरंगाबाद के जज की हत्या अनन्य कन्हेरी, कृष्ण जीपत कर्वे तथा विनायक देशपांडे ने कर दी।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान क्रांतिकारी गतिविधियों में एक तीव्रता आई क्रांतिकारियों ने जर्मनी की सहायता लेने की योजना बनाई। इस समय चूँकि ब्रिटिश सरकार का पूरा ध्यान प्रथम विश्व युद्ध की ओर लगा हुआ था, इसलिए रास बिहारी बोस, शचीन्द्र सान्याल, बागी करतार सिंह, गणेश जिंगले आदि ने लाहौर, मेरठ, बनारस आदि छावनियों में विद्रोह भड़काने की योजना बनाई। इन्होनें एक योजना बनाई कि फरवरी 1915 ई. के दिन सारे भारत में विद्रोह कर दिया जाये परन्तु एक देशद्रोही कृपालसिंह ने सब योजना पुलिस को बताकर इसका भण्डाफोड़ कर दिया, परिणामस्वरूप न केवल यह योजना असफल हुई बल्कि इस योजना से सम्बन्धित 61 व्यक्तियों पर मुकदमें चलाये गये और कुछ को फाँसी . काले पानी की सजा सुनाई गई।
(2) क्रान्तिकारी आन्दोलन का प्रारम्भिक इतिहास - जिस प्रकार ब्रिटिश इतिहासकार सन् 1857 ई. के विद्रोह को 'सिपाही विद्रोह' या 'गदर' कहते रहे हैं और भारतीय इतिहासकार उसे स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम, उसी प्रकार भारतीय क्रान्तिकारियों को अंग्रेज इतिहासकार आतंकवादी कहकर पुकारना अधिक पसन्द करते हैं, परन्तु भारतीय विद्वान उन्हें क्रान्तिकारी राष्ट्रवादी कहकर पुकारने में गौरव का अनुभव करते हैं। इसी आधार पर भारतीय विद्वानों ने ब्रिटिश शासन के दौरान उपजे हुये क्रान्तिकारी आन्दोलन को उग्रवादी, राष्ट्रवादी के उदय का एक परिणाम माना है। इसलिए इनको क्रान्तिकारी राष्ट्रवादी कहा गया हैं।
सन् 1857 ई. के विद्रोह से पूर्व इस प्रकार के प्रयासों के छुटपुट उदाहरण मिलते हैं परन्तु वे असंगठित एवं बिखरे हुए थे। परिणामस्वरूप ब्रिटिश सत्ता के द्वारा आसानी से दबा दिये गये तथा उनका स्थायी परिणाम नहीं निकला। सन् 1857 ई. का विद्रोह यद्यपि एक सैनिक विद्रोह के रूप में प्रारम्भ हुआ था परन्तु शीघ्र ही फैलता चला गया और उसने स्वाधीनता संग्राम का रूप धारण कर लिया। ब्रिटिश सरकार के द्वारा यद्यपि यह विद्रोह दबा तो दिया गया, परन्तु दोनों ही पक्षों ने इस घटना से महत्वपूर्ण सबक सीखें। एक ओर ब्रिटिश सत्ता का केन्द्रीकृत प्रशासन की महत्ता का अहसास हुआ और दूसरी ओर भारतीयों को भी सशस्त्र संघर्ष का महत्व पता चला। यह घटना क्रान्तिकारी आतंकवाद की मनावैज्ञानिक आधारशिला की भूमिका थी।
सन् 1885 ई. के विद्रोह के बाद क्रान्तिकारी आतंकवाद की प्रवृत्ति बहावी आन्दोलन में परिलक्षित होती है इसकी प्रथम अभिव्यक्ति तब हुई जब सन् 1871 ई. में अब्दुल्ला बहावी ने नार्मन नाम के एक अंग्रेज जज की एकतरफा फैसले के कारण हत्या कर दी। अगले ही वर्ष एक महत्वपूर्ण घटना तब हुई जब अण्डमान में निर्वासित शेर अली ने लार्ड मेयो की हत्या कर दी। यद्यपि इन घटनाओं से बहावी आन्दोलन को कठोरता से दबा दिया गया परन्तु इसी समय में बंगाल, पंजाब, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र में अनेक गुप्त संस्थाओं का गठन हुआ।
डॉ. आर. सी. मजूमदार के अनुसार वासुदेव फड़के पहला व्यक्ति था जिसने सैन्य विद्रोह के माध्यम से भारत से ब्रिटिश सरकार को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से महाराष्ट्र में एक गुप्त संस्था की स्थापना की। इसके बाद चापेकर बंधुओं ने व्यायामशाला नामक संस्था की स्थापना की एवं सावरकर बन्धुओं ने मित्र मेला नामक एक गुप्त संस्था की स्थापना की जिसका नाम बदलकर बाद में अभिनव भारत पड़ गया तथा जिसकी शाखायें भारत के विभिन्न भागों में स्थापित हुई। इन क्रान्तिकारी संस्थाओं में एक महत्वपूर्ण संस्था थी अनुशीलन समिति, जिसने युगान्तर नामक एक पत्रिका भी निकाली।
राजनीतिक भावनाओं की अभिव्यक्ति के एक संगठित व सुचारु मंच के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के साथ इस प्रकार के कार्यकलापों की गति कुछ धीमी पड़ी परन्तु शीघ्र ही उग्रवादी विचारधारा में कांग्रेस पर प्रभाव के परिणामस्वरूप सक्रिय आतंकवादियों व उन व्यक्तियों में अनन्य सम्बन्ध स्थापित हो गया जो आतंकवादी कार्यकलापों में प्रत्यक्ष रूप से भाग न लेते हुये भी इस प्रकार की विचारधारा को प्रेस व मंच के माध्यम से अपना समर्थन देते रहे। बालगंगाधर तिलक इस प्रकार के महत्वपूर्ण व्यक्ति थे एवं चापेकर बन्धुओं को द्वारा सन् 1896 ई. में महारानी विक्टोरिया के शासन काल की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर रैंड व एयर्स्ट नामक दो अंग्रेजों की हत्या इस अनन्य सम्बन्ध का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है यद्यपि चापेकर बन्धुओं को फाँसी पर लटका दिया गया परन्तु उन पर चलाये गये मुकदमों मे अंग्रेजों की हत्याओं और आतंकवादी विचारधारा को जनसर्मथन प्रदान किया। श्यामजी कृष्ण वर्मा व अरविन्द घोष भी आतंकवाद के बुद्धिजीवी समर्थकों की श्रेणी में आते हैं। विनायक दामोदर सावरकर भी इसी श्रेणी में आते हैं, यद्यपि यह आतंकवादी कार्यकलापों में स्वये भी शरीफ थे।
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- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
- प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
- प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
- प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
- प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
- प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में टैगोर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर टैगोर तथा गाँधी जी के विचारों की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
- प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
- प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
- प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
- प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
- प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
- प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
- प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
- प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
- प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
- प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
- प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग तथा हिन्दू महासभा जैसे राजनैतिक दलों ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध क्यों किया था?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
- प्रश्न- गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किया? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लखनऊ समझौते के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था?
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध में रोमानिया का क्या योगदान था?
- प्रश्न- 'लखनऊ समझौता, पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'रॉलेक्ट एक्ट' पर संक्षित टिपणी कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे?
- प्रश्न- होमरूल आन्दोलन पर संक्षित टिपणी दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्वयुद्ध पर संक्षित टिपणी लिखिए।
- प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
- प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।