बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवादसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
सन् सत्तावन का विद्रोह यद्यपि पूर्णतया दमन हो गया फिर भी इसने भारत में अंग्रेजी साम्राज्य मूलरूप से हिला दिया। लार्ड क्रोमर ने कहा था- "काश कि अंग्रेजों की युवा पीढ़ी भारतीय विद्रोह के इतिहास को पढ़े, ध्यान दे, सीखे और मनन करे। इसमें बहुत से पाठ और चेतावनियाँ निहित हैं।"
सन् 1857 ई. की क्रान्ति के निम्नलिखित प्रभाव पड़े-
1. सन् 1858 ई. के भारत सरकार अधिनियम द्वारा भारतीय प्रशासन का नियन्त्रण कम्पनी से छीनकर ब्रिटिश राजमुकुट को सौंप दिया गया। परन्तु जैसा कनिंघम ने कहा था कि यह परिवर्तन औपचारिक था वास्तविक नहीं। सर हेनरी सलिन्सन जो कम्पनी के एक डाइरेक्टर थे और कम्पनी की समाप्ति के पक्ष में थे, ने ठीक ही कहा था, "इस परिवर्तन का एक बड़ा परिणाम नाम का परिवर्तन होगा जिससे हमें भूत-तात्कालिक, भूत को संरक्षण करने में सहायता मिलेगी और हम नवीन बिन्दु से आरम्भ करके साम्राज्य के एक नवीन दौर पर अग्रसर हो सकेंगे।" भारत में वही पहला गवर्नर जनरल था, वही पहले जैसा सैनिक तथा असैनिक प्रशासन चलता रहा। इंग्लैण्ड में इस अधिनियम द्वारा भारतीय राज्य सचिव (Secretary of State for India) का प्रावधान किया गया और उसकी सहायता के लिए एक 15 सदस्यों की मंत्रणा परिषद (Advisory Council) होनी थी जिसमें से 8 सरकार द्वारा मनोनीत होने थे और शेष सात कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा चुने जाने थे। सन् 1858 ई. की घोषणा से दोहरा नियन्त्रण समाप्त हो गया और सरकार ही सीधे भारतीय मामलों के लिए उत्तरदायी हो गई।
2. महारानी की घोषणा के अनुसार, "क्षेत्रों की सीमा का विस्तार" की नीति समाप्त कर दी गई और स्थानीय राजाओं के अधिकार, गौरव तथा सम्मान का अपने समान ही संरक्षण का विश्वास दिलाया गया। जिन ताल्लुकदारों ने बड़ी संख्या में विद्रोह में भाग लिया था, उसने राजभक्ति के प्रण लेकर अपनी- अपनी जागीरों में पुनः स्थापित कर दिया गया। जैसाकि पंडित नेहरू ने कहा है कि ये लोग जो अपने आपको अवध का नवाब कहलाने में गर्व अनुभव करते थे, वहीं ब्रिटिश साम्राज्य के स्तम्भ बन गए।
3. सन् 1858 ई. की घोषणा में विश्वास दिलाया गया था कि, "हमारी प्रजा किसी भी जाति अथवा धर्म की क्यों न हो, स्वतंत्र रूप से और बिना भेदभाव के उन कार्यों के लिए जिनके लिए वह अपनी विधा, योग्यता तथा ईमानदारी से करने के योग्य हो हमारी सेवा तथा पदों पर नियुक्ति की जायेगी।" इस प्रतिज्ञा को पूर्ण करने के लिए सन् 1861 ई. में भारतीय जनपद सेवा अधिनियम (India Civil Service Act) बनाया गया जिसके अनुसार प्रत्येक वर्ष लंदन में एक प्रतियोगिता परीक्षण हुआ करेगी। दुर्भाग्यवश जो विस्तृत नियम इस परीक्षा के लिए बनाए गए उनसे यह सेवा केवल अंग्रेजी की परिरक्षित बनी रही।
4. इस विद्रोह के लिए मुख्यतः भारतीय सेना ही उत्तरदायी थी। इसका पूर्णतया पुनर्गठन किया गया और इसका गठन "विभाजन और प्रति तोलन (Division and Counterprise) की नीति पर किया गया। सन् 1816 ई. की सेना सम्मिश्रण योजना के अनुसार कम्पनी की यूरोपीय सेना सरकार को हस्तांतरित कर दी गयी। यूरोपीय सैनिकों को समय-समय पर इंग्लैण्ड भेजकर उनका निरन्तर नवीकरण किया जाता था। यूरोपीय सैनिकों की सन् 1857 ई. से पहले की संख्या जो 40 हजार थी अब 65 हजार कर दी गयी और भारतीय सेना जो पहले 2 लाख 38 हजार थी अब 1 लाख 40 हजार निश्चित कर दी गयी। सेना और लोपखाने के मुख्य पद केवल यूरोपीय के लिए आरक्षित कर दिये गये।
5. इस तथ्य को अधिकाधिक रूप में अनुभव किया गया कि इस विद्रोह का एक आधारिक कारण शासितों और शासकों के बीच सम्पर्क का न होना था। सर बार्टल फ्रेअर ने अपनी सन् 1860 ई. की प्रसिद्ध टिप्पणी में विधान परिषदों में स्थानीय तत्वों (Native Elements) के सम्मिलित करने का आग्रह किया था। ऐसा विश्वास किया गया कि भारतीयों को विधान कार्य में सहकारी बनाने से शासक भारतीयों की भावनाओं से परिचित हो सकेंगे और भ्रम दूर करने के अवसर मिल सकेंगे। इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयत्न भारतीय परिषद् अधिनियम (Indian Council Act) सन् 1861 ई. द्वारा किया गया।
6. सन् 1857 ई. के विद्रोह ने एक युग का अन्त कर दिया और एक नवीन युग के बीज बोए। प्रादेशिक विस्तार के स्थान पर आर्थिक शोषण का युग आरम्भ हुआ।
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- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
- प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
- प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
- प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
- प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
- प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में टैगोर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर टैगोर तथा गाँधी जी के विचारों की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
- प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
- प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
- प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
- प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
- प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
- प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
- प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
- प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
- प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
- प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
- प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग तथा हिन्दू महासभा जैसे राजनैतिक दलों ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध क्यों किया था?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
- प्रश्न- गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किया? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लखनऊ समझौते के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था?
- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध में रोमानिया का क्या योगदान था?
- प्रश्न- 'लखनऊ समझौता, पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'रॉलेक्ट एक्ट' पर संक्षित टिपणी कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे?
- प्रश्न- होमरूल आन्दोलन पर संक्षित टिपणी दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्वयुद्ध पर संक्षित टिपणी लिखिए।
- प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
- प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।