बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास क्या है? बाल्यावस्था में संज्ञानात्मक विकास किस प्रकार होता है?
अथवा
बालक के संज्ञानात्मक विकास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर -
बालक का संज्ञानात्मक विकास जन्म से ही आरम्भ हो जाता है। उसे अपनी शारीरिक आवश्यकताओं एवं प्रणोदनों का संज्ञान होने लगता है। बाल्यावस्था में संज्ञानात्मक विकास की प्रक्रिया तेज होती है और किशोरवस्था तक आते-आते बालक का संज्ञानात्मक विकास पूर्ण हो जाता है। संज्ञानात्मक विकास पर वंशानुक्रम, वातावरण, व्यवसाय, स्वास्थ्य, यौन भेद प्रजातीय भिन्नता आदि का प्रभाव पड़ता हैं, संज्ञानात्मक विकास वास्तव में मानसिक विकास से भिन्न है। मानसिक विकास की दृष्टि से संज्ञानात्मक विकास में सहज क्रियायें और मानसिक योग्यतायें निहित होती हैं। इस क्षेत्र में जो भी कार्य हुए हैं उसमें जीन पियाजे का योगदान उल्लेखनीय रहा है। पियाजे की संज्ञानात्मक विकास की धारणा यह है कि विकास के सभी पक्ष समान क्रम से आगे बढ़ते हैं। विकास की जटिल प्रक्रिया में संज्ञानात्मक विकास प्राकृतिक और स्वाभाविक रूप से बढ़ता है। संज्ञानात्मक विकास से पूर्व शारीरिक और सामाजिक विकास होता है।
यद्यपि विभिन्न क्षमताओं के क्षेत्रों में विकास एक साथ होता है और निरंतर होता है, फिर भी अध्ययनों से विभिन्न उम्र में समस्त मानसिक विकास की दर में अन्तर की संभावना सामने आई है।
1. संवेदना और धारणा - संवेदना और धारणा दोनों ही किसी के संज्ञानात्मक विकास के महत्वपूर्ण पहलू माने जाते हैं। संवेदनाएँ इन्द्रियों द्वारा एकत्र की गई प्राथमिक छाप है। जब इनकी व्याख्या की जाती है और उनके साथ कुछ निश्चित अर्थ जोड़े जाते हैं तो वे धारणा का रूप ले लेती हैं।
2. अवधारणा निर्माण - अवधारणा का अधिग्रहण बच्चे के शिक्षण विकास का एक और महत्वपूर्ण सिद्धान्त है। अवधारणा निर्माण में अनुभव एक महान कारक है। प्रारम्भिक बचपन में, वास्तविक वस्तुओं के रूप में ठोस अनुभव बच्चे को अवधारणा के निर्माण में मदद करते हैं।
3. भाषा का विकास - भाषा विकास का तात्पर्य बालक की समझ और विकास से होता है। भाषण, पाठ्यपुस्तक, प्रतिक्रिया की लम्बाई इत्यादि भाषा विकास के कुछ महत्वपूर्ण सिद्धान्त है। बच्चा जो अभिलेख सीखता है, वह पर्यावरण में अभिलेखों की नकल का परिणाम होता है।
4. स्मृति का विकास - स्मृति भी संज्ञानात्मक विकास का एक महत्वपूर्ण निर्देशक है। जन्म के समय स्मृति बहुत कम होती है लेकिन धीर-धीरे वातावरण के प्रभाव में आने से इसमें बढ़ोत्तरी होती है। 3 साल के बच्चे के बारे में कुछ दिन पहले की कहानी सुनी जा सकती है।
5. समस्या समाधान क्षमता का विकास - समस्या समाधान करते समय बालक' अपनी संज्ञानात्मक विकास की क्षमता के अनुसार तर्क-वितर्क करते हुए, उससे सम्बन्धित सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, समस्या का समाधान करता है।
इस अवधि में बालकों में कल्पना शक्ति एवं चिन्तन शक्ति में वृद्धि होती है। तार्किक एवं वस्तुनिष्ठा में वृद्धि होती है। बच्चों में मूर्त निरीक्षण योग्य वस्तुओं के सम्बन्ध में तार्किक चिन्तन करने की क्षमता होती है। पियाजे का मत है कि बच्चों में संक्रियाओं को निष्पादित करने, मासिक कार्य करने एवं जगत की पुनर्सगठित करने की योग्यता इस अवधि में आ जाती है। पूर्व संक्रियात्मक अवधि एवं मूर्त संक्रियात्मक अवधि में केवल अन्तर यह होता है कि इस अवधि में वार्तालाप में प्रवीणता आ जाता है और बच्चे में तर्कशक्ति की योग्यता दिखाई देने लगती है। साथ ही बच्चे में इस प्रत्यभिज्ञा का विकास होता है कि वस्तुओं के मूलभूत गुण अपरिवर्तनशील होते हैं भले ही उनके रूप में परिवर्तन होता रहे। बच्चे में प्रतिलोमशीलता के मानसिक संक्रियात्मक योग्यता का विकास इसी अवधि में होता है। इस अवधि में रूपान्तरण की योग्यता का भी विकास होता है। जीन पियाजे का मत है कि इस अवधि में बच्चों में कई तरह की क्षमताओं का विकास देखने को मिलता है।
उदाहरण - संरक्षण, अंकीकरण, क्रमबद्धता, वर्गीकरण और सम्बन्धन की योग्यतायें। इन क्षमताओं में आयु वृद्धि और बौद्धिक क्षमता का विशेष स्थान होता है। ब्रायट एण्ड ट्राबेसो का मत है कि इस अवधि में अनुमानपरक तर्क की योग्यता का विकास होता जाता है।
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- प्रश्न- मानव विकास को परिभाषित करते हुए इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास सम्प्रत्यय की व्याख्या कीजिए तथा इसके मुख्य नियमों को समझाइए।
- प्रश्न- मानव विकास के सम्बन्ध में अनुदैर्ध्य उपागम का वर्णन कीजिए तथा इसकी उपयोगिता व सीमायें बताइये।
- प्रश्न- मानव विकास के सम्बन्ध में प्रतिनिध्यात्मक उपागम का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मानव विकास के सम्बन्ध में निरीक्षण विधि का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व इतिहास विधि के गुण व सीमाओं को लिखिए।
- प्रश्न- मानव विकास में मनोविज्ञान की भूमिका की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मानव विकास क्या है?
- प्रश्न- मानव विकास की विभिन्न अवस्थाएँ बताइये।
- प्रश्न- मानव विकास को प्रभावित करने वाले तत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मानव विकास के अध्ययन की व्यक्ति इतिहास विधि का वर्णन कीजिए
- प्रश्न- विकासात्मक अध्ययनों में वैयक्तिक अध्ययन विधि के महत्व पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- चरित्र-लेखन विधि (Biographic method) पर प्रकाश डालिए ।
- प्रश्न- मानव विकास के सम्बन्ध में सीक्वेंशियल उपागम की व्याख्या कीजिए ।
- प्रश्न- प्रारम्भिक बाल्यावस्था के विकासात्मक संकृत्य पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- गर्भकालीन विकास की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-सी है ? समझाइए ।
- प्रश्न- गर्भकालीन विकास को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक कौन-से है। विस्तार में समझाइए।
- प्रश्न- नवजात शिशु अथवा 'नियोनेट' की संवेदनशीलता का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास से आप क्या समझते है ? क्रियात्मक विकास का महत्व बताइये ।
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास की विशेषताओं पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास का अर्थ एवं बालक के जीवन में इसका महत्व बताइये ।
- प्रश्न- संक्षेप में बताइये क्रियात्मक विकास का जीवन में क्या महत्व है ?
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास को प्रभावित करने वाले तत्व कौन-कौन से है ?
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- प्रसवपूर्व देखभाल के क्या उद्देश्य हैं ?
- प्रश्न- प्रसवपूर्व विकास क्यों महत्वपूर्ण है ?
- प्रश्न- प्रसवपूर्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं ?
- प्रश्न- प्रसवपूर्व देखभाल की कमी का क्या कारण हो सकता है ?
- प्रश्न- प्रसवपूर्ण देखभाल बच्चे के पूर्ण अवधि तक पहुँचने के परिणाम को कैसे प्रभावित करती है ?
- प्रश्न- प्रसवपूर्ण जाँच के क्या लाभ हैं ?
- प्रश्न- विकास को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन हैं ?
- प्रश्न- नवजात शिशु की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करो।
- प्रश्न- शैशवावस्था में (0 से 2 वर्ष तक) शारीरिक विकास एवं क्रियात्मक विकास के मध्य अन्तर्सम्बन्धों की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- नवजात शिशु की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शैशवावस्था में बालक में सामाजिक विकास किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- शिशु के भाषा विकास की विभिन्न अवस्थाओं की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शैशवावस्था क्या है?
- प्रश्न- शैशवावस्था में संवेगात्मक विकास क्या है?
- प्रश्न- शैशवावस्था की विशेषताएँ क्या हैं?
- प्रश्न- शिशुकाल में शारीरिक विकास किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- शैशवावस्था में सामाजिक विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखो।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से आप क्या समझते है ?
- प्रश्न- सामाजिक विकास की अवस्थाएँ कौन-कौन सी हैं ?
- प्रश्न- संवेग क्या है? बालकों के संवेगों का महत्व बताइये ।
- प्रश्न- बालकों के संवेगों की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- बालकों के संवेगात्मक व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं? समझाइये |
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास को समझाइए ।
- प्रश्न- बाल्यावस्था के कुछ प्रमुख संवेगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बालकों के जीवन में नैतिक विकास का महत्व क्या है? समझाइये |
- प्रश्न- नैतिक विकास को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक कौन-से हैं? विस्तार पूर्वक समझाइये?
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास क्या है? बाल्यावस्था में संज्ञानात्मक विकास किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- बाल्यावस्था क्या है?
- प्रश्न- बाल्यावस्था की विशेषताएं बताइयें ।
- प्रश्न- बाल्यकाल में शारीरिक विकास किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- सामाजिक विकास की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास क्या है?
- प्रश्न- संवेग की क्या विशेषताएँ होती है?
- प्रश्न- बाल्यावस्था में संवेगात्मक विकास की विशेषताएँ क्या है?
- प्रश्न- कोहलबर्ग के नैतिक सिद्धान्त की आलोचना कीजिये।
- प्रश्न- पूर्व बाल्यावस्था में बच्चे अपने क्रोध का प्रदर्शन किस प्रकार करते हैं?
- प्रश्न- बालक के संज्ञानात्मक विकास से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास की विशेषताएँ क्या हैं?
- प्रश्न- किशोरावस्था की परिभाषा देते हुये उसकी अवस्थाएँ लिखिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था में यौन शिक्षा पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख समस्याओं पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से आप क्या समझते हैं? किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास किस प्रकार होता है एवं किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का उल्लेख कीजिए?
- प्रश्न- किशोरावस्था में संवेगात्मक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नैतिक विकास से आप क्या समझते हैं? किशोरावस्था के दौरान नैतिक विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- किशोरवस्था में पहचान विकास से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- किशोरावस्था को तनाव या तूफान की अवस्था क्यों कहा गया है?
- प्रश्न- अनुशासन युवाओं के लिए क्यों आवश्यक होता है?
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- प्रश्न- आत्म विकास में भूमिका अर्जन की क्या भूमिका है?
- प्रश्न- स्व-विकास की कोई दो विधियाँ लिखिए।
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- प्रश्न- किशोरावस्था पहचान विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समय क्यों है ?
- प्रश्न- पहचान विकास इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
- प्रश्न- एक किशोर के लिए संज्ञानात्मक विकास का क्या महत्व है?
- प्रश्न- प्रौढ़ावस्था से आप क्या समझते हैं? प्रौढ़ावस्था में विकासात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैवाहिक समायोजन से क्या तात्पर्य है ? विवाह के पश्चात् स्त्री एवं पुरुष को कौन-कौन से मुख्य समायोजन करने पड़ते हैं ?
- प्रश्न- एक वयस्क के कैरियर उपलब्धि की प्रक्रिया और इसमें शामिल विभिन्न समायोजन को किस प्रकार व्याख्यायित किया जा सकता है?
- प्रश्न- जीवन शैली क्या है? एक वयस्क की जीवन शैली की विविधताओं का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- विविधता क्या है ?
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- प्रश्न- लाइफस्टाइल साइकोलॉजी क्या है ?
- प्रश्न- कैरियर नियोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- युवावस्था का मतलब क्या है?
- प्रश्न- कैरियर विकास से क्या ताप्पर्य है ?
- प्रश्न- मध्यावस्था से आपका क्या अभिप्राय है ? इसकी विभिन्न विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- रजोनिवृत्ति क्या है ? इसका स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं बीमारियों के संबंध में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- मध्य वयस्कता के दौरान होने बाले संज्ञानात्मक विकास को किस प्रकार परिभाषित करेंगे?
- प्रश्न- मध्यावस्था से क्या तात्पर्य है ? मध्यावस्था में व्यवसायिक समायोजन को प्रभावित करने वाले कारकों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मिडलाइफ क्राइसिस क्या है ? इसके विभिन्न लक्षणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था में स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- स्वास्थ्य के सामान्य नियम बताइये ।
- प्रश्न- मध्य वयस्कता के कारक क्या हैं ?
- प्रश्न- मध्य वयस्कता के दौरान कौन-सा संज्ञानात्मक विकास होता है ?
- प्रश्न- मध्य वयस्कता में किस भाव का सबसे अधिक ह्रास होता है ?
- प्रश्न- मध्यवयस्कता में व्यक्ति की बुद्धि का क्या होता है?
- प्रश्न- मध्य प्रौढ़ावस्था को आप किस प्रकार से परिभाषित करेंगे?
- प्रश्न- प्रौढ़ावस्था के मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष के आधार पर दी गई अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मध्यावस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्या मध्य वयस्कता के दौरान मानसिक क्षमता कम हो जाती है ?
- प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था (50-60) वर्ष में मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक समायोजन पर संक्षेप में प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- उत्तर व्यस्कावस्था में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं तथा इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कौन-कौन सी रुकावटें आती हैं?
- प्रश्न- पूर्व प्रौढ़ावस्था की प्रमुख विशेषताओं के बारे में लिखिये ।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में नाड़ी सम्बन्धी योग्यता, मानसिक योग्यता एवं रुचियों के विभिन्न परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सेवा निवृत्ति के लिए योजना बनाना क्यों आवश्यक है ? इसके परिणामों की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था से क्या आशय है ? संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था (50-60 वर्ष) में हृदय रोग की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में समायोजन को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से समझाइए ।
- प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था में स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- स्वास्थ्य के सामान्य नियम बताइये ।
- प्रश्न- रक्तचाप' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आत्म अवधारणा की विशेषताएँ क्या हैं ?
- प्रश्न- उत्तर प्रौढ़ावस्था के कुशल-क्षेम पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जीवन प्रत्याशा से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- अन्तरपीढ़ी सम्बन्ध क्या है?
- प्रश्न- वृद्धावस्था में रचनात्मक समायोजन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अन्तर पीढी सम्बन्धों में तनाव के कारण बताओ।