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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2795
आईएसबीएन :0

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तुलनात्मक सरकार और राजनीति : यू के, यू एस ए, स्विटजरलैण्ड, चीन

प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।

उत्तर -

ब्रिटिश व्यवस्थापन प्रक्रिया
(British Legislative Procedure)

ब्रिटेन की संसद विश्व की सर्वाधिक प्राचीन संसद है अतः इसकी विधि निर्माण प्रक्रिया का प्रभाव भी संपूर्ण विश्व पर पड़ा है। ब्रिटेन की व्यवस्थापन प्रक्रिया अध्ययन निम्नांकित आधारों पर किया जा सकता है -

विधेयकों के प्रकार
(Types of Bills)

ब्रिटेन में प्रमुख रूप से दो प्रकार के विधेयक होते हैं-

1. सार्वजनिक विधेयक ( Public Bills) - ये वे विधेयक होते हैं जिनका संबंध सार्वजनिक विषयों से होता है। यह सरकार के किसी मंत्री या सदस्य के द्वारा रखे जाते हैं। सार्वजनिक विधेयक दो प्रकार के होते हैं-

(अ) वित्त विधेयक (Money Bills) - ये धन संबंधी विषयों से संबंधित होते हैं।

(ब) अवित्तीय विधेयक (Non-Money Bills) - ये धन के अतिरिक्त अन्य किसी सार्वजनिक हित के विषय से संबंधित होते हैं। ये विधेयक दो प्रकार के होते हैं -

(i) सरकारी विधेयक (Government Bills) - ये विधेयक सरकार की ओर से प्रस्तुत किये जाते हैं-

(ii) व्यक्तिगत सदस्य विधेयक ( Private Member's Bills) - ये सार्वजनिक विधेयक होते हैं परन्तु सरकार की ओर से प्रस्तुत न होकर किसी गैर सरकारी सदस्य द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत किये जाते हैं।

2. व्यक्तिगत विधेयक ( Private Bills) - ये विधेयक सार्वजनिक हित से संबंधित नहीं होते बल्कि क्षेत्र या वर्ग के हित से संबंधित होते हैं।

निम्नांकित तालिका विधेयकों के वर्गीकरण को स्पष्ट करती है-

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व्यवस्थापन प्रक्रिया (Legislative Procedure) - विधि निर्माण प्रक्रिया के निम्नांकित स्तर होते हैं-

1. प्रस्तुतीकरण एवं प्रथम वाचन ( Introduction and First Reading) - ब्रिटेन में व्यवस्थापन प्रक्रिया का प्रथम विधेयक का प्रस्तुतीकरण एवं प्रथम वाचन होता है। सभी महत्वपूर्ण विधेयक किसी मंत्री के द्वारा और धन विधेयक वित्त मंत्री के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। वित्त विधेयक कामन्स सभा में ही प्रारम्भ हो सकता है अन्य विधेयकों का प्रस्तुतीकरण किसी भी सदन में हो सकता है।

ब्रिटेन में प्रथा है कि विधेयक का प्रस्तुतीकरण और प्रथम वाचन एक साथ होता है। प्रस्तुतीकरण की तीन विधियां हैं -

(i) साधारण प्रस्तुतीकरण - इसमें विधेयक के प्रस्तुतीकरण की सूचना लिपिक को दी जाती है जो केवल विधेयक शीर्षक पढ़कर सुना देता है। इसके लिए किसी भाषण की आवश्यकता नहीं होती।

(ii) दस मिनट का प्रस्तुतीकरण - इस विधि का प्रयोग उन महत्वपूर्ण विधेयकों के लिए किया जाता है जो विवादपूर्ण होते हैं। इसमें प्रस्तावक को विधेयक का महत्व बताने, विपक्ष के प्रतिनिधि को आलोचना के लिए दस मिनट का समय दिया जाता है और उसके बाद प्रस्ताव होता है कि प्रथम वाचन पूरा समझा जाये और उसे छपवाने की आज्ञा दी जाये।

(iii) विधेयक की व्यवस्था पर प्रकाश डालने वाला प्रस्तुतीकरण - इसके अन्तर्गत प्रस्ताव विधेयक के सिद्धान्तों व महत्व को विस्तार से बताता है और सदन में विधेयक प्रस्तुत करने का प्रस्ताव रखता है। विरोधी पक्ष के सदस्य विधेयक का विरोध करते हैं। अंत में मतदान द्वारा निर्णय होता है। यदि मतदान का निर्णय प्रस्तावक के पक्ष में होता है तो प्रस्ताव रखा जाता है कि विधेयक का प्रथम वाचन पूर्ण समझा जाये व उसे छपवाया जाये।

द्वितीय वाचन (Second Reading) - द्वितीय वाचन तब प्रारम्भ होता है जब सदन का कोई सदस्य या विधेयक का प्रस्तावक प्रस्ताव राखता है कि विधेयक को दूसरी बार पढ़ा जाये। यहाँ पर विधेयकों के उद्देश्यों व उसके गुण-दोषों पर खुलकर वाद-विवाद होता है। इसके बाद इसे स्वीकार या अस्वीकार किया जाता है। विधेयक को अस्वीकृत करने की दो विधियां हैं-

(i) विधेयक को दोषपूर्ण बताते हुए सीधे अस्वीकृत करने का प्रस्ताव रखा जाये।

(ii) जब द्वितीय वाचन का प्रस्ताव रखा जाये तो विपक्ष उसे दोबारा पढ़ने के संशोधन इतनी बार रखे कि सत्र समाप्त हो जाये तब विधेयक समाप्त हो जाता है। द्वितीय वाचन में विधेयक अस्वीकार होने पर सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है।

3. समिति स्तर (Committee Stage) - द्वितीय वाचन मे जब विधेयक स्वीकार कर लिया जाता है तो उसे सदन की किसी समिति के सुपुर्द कर दिया जाता है। शेष सभी विधेयकों को किसी न किसी स्थाई समिति को भेज दिया जाता है।

विधेयक के लिये 'समिति स्तर' महत्वपूर्ण होता है। समिति में विधेयक की प्रत्येक धारा पर विस्तृत विचार होता है।

4. प्रतिवेदन स्तर (Report Stage ) - प्रत्येक समिति विधेयक पर पूर्ण विचार करने के बाद अपने प्रतिवेदन सहित विधेयक को सदन में विचारार्थ वापस करती है। समिति के संशोधनों एवं सुझावों पर निर्णय लेना सदन का कार्य होता है। प्रतिवेदन स्तर पर व्यापक बहस होती है। सदन विधेयक को पुनः किसी समिति को भेज सकता है। विधेयक स्वीकार होने के के बाद तृतीय वाचन प्रारम्भ होता है।

5. तृतीय वाचन (Third Reading) - तृतीय वाचन में सदन का सभापति यह प्रस्ताव करता है कि विधेयक को तीसरी बार पढा जाये।

इस स्तर पर भी विधेयक के उद्देश्यों व सिद्धान्तों पर राजनीतिक वाद-विवाद होता है, विधेयक के रूप पर कोई विवाद नहीं होता। इस वाचन मे नियमित संशोधन स्वीकार नहीं किये जाते। केवल शाब्दिक परिवर्तन हो सकता है। आवश्यकता पड़ने पर मतदान भी होता है। विधेयक स्वीकार होने पर दूसरे सदन में भेज दिया जाता है।

6. द्वितीय सदन की प्रक्रिया (Procedure of other House) - एक सदन में पारित विधेयक दूसरे सदन में भेज दिया जाता है। अधिकतर सरकारी विधेयक पहले कामन्स सभा में प्रेषित किये जाते हैं तत्पश्चात लाई सभा में।

द्वितीय सदन में भी प्रथम वाचन व प्रस्तुतीकरण, द्वितीय वाचन, समिति स्तर, प्रतिवेदन स्तर तथा तृतीय वाचन होते हैं। परन्तु द्वितीय सदन में समिति स्तर पर स्थाई समितियों का प्रयोग नहीं होता बल्कि 'सम्पूर्ण सदन की समिति का प्रयोग किया जाता है।

द्वितीय सदन द्वारा विधेयक स्वीकृत होने पर विधेयक को क्राउन के पास हस्ताक्षर के लिये भेज दिया जाता है।

7. राजकीय स्वीकृति (Royal Assent) - यह औपचारिक स्तर होता है। जब विधेयक क्राउन की स्वीकृति के लिये भेजा जाता है तो उसका शीर्षक अध्यक्ष की उपस्थिति में पढ़ा जाता है। क्राउन का प्रतिनिधि यह घोषणा करता है कि 'राजा ऐसा चाहते हैं इस प्रकार विधेयक कानून बन जाता है।

इस प्रकार ब्रिटेन में व्यवस्थापन कार्य बड़े ही वैज्ञानिक ढंग से होता है। धन विधेयक सरकार के द्वारा और लोक सदन में ही प्रारम्भ होते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन क्षेत्र की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
  4. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति और तुलनात्मक सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  5. प्रश्न- उदार लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
  6. प्रश्न- पूँजीवाद से आप क्या समझते हैं, इसके गुण-दोष क्या हैं?
  7. प्रश्न- समाजवादी राज्य क्या है, इसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाजवाद की परिभाषा दीजिए। विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- उपनिवेशवाद क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- विकासशील देशों में राज्य की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- रूढ़ियों से क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- रूढ़ियों कानून से किस प्रकार भिन्न हैं? प्रमुख अभिसमयों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- रूढ़ियों का पालन क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये।
  14. प्रश्न- राजपद से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- राजा एवं राजपद अन्तर को स्पष्ट कीजिये।
  16. प्रश्न- मन्त्रिमण्डलात्मक प्रणाली का उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के संगठन एवं मंत्रिमण्डल व्यवस्था की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- बिटिश प्रधानमंत्री सारे शासन तंत्र की धुरी है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन की सम्प्रभुता की विवेचना कीजिए तथा इस प्रभुसत्ता की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
  21. प्रश्न- लार्ड सभा की रचना कार्यों व उनकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- इंग्लैंड की समिति प्रणाली के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
  23. प्रश्न- कामन्स सभा क्या है? इसके संगठन एवं पदाधिकारियों का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- कामन्स सभा की शक्तियों, कार्यों एवं व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- ब्रिटिश समिति व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  28. प्रश्न- न्यायपालिका से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- ब्रिटिश न्यायपालिका के संगठन पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विधि का शासन ब्रिटिश संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- राजनीतिक दलों से क्या तात्पर्य है? राजनीतिक दलों की भूमिका एवं महत्व को समझाइये।
  33. प्रश्न- राजनीतिक दल प्रणाली के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- ब्रिटेन में राजनीतिक दलों के संगठन, कार्यक्रम एवं उनकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में राजनीतिक दलों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- ब्रिटिश दल पद्धति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- रूढ़ियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
  38. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के ऐतिहासिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के राजनैतिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  40. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के मनोवैज्ञानिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  41. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के अन्तर्राष्ट्रीय कारणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की कानूनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- मंत्रिमण्डल एवं क्राउन के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- मन्त्रिमंडल का ब्रिटिश की संवैधानिक व्यवस्था में क्या महत्व है?
  46. प्रश्न- मंत्रिमंडल की महत्ता के औचित्य को स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की महत्ता के कारण बताइये।
  48. प्रश्न- लार्ड सभा ने सुधार के क्या प्रयास किये?
  49. प्रश्न- क्या ग्रेट ब्रिटेन में संसद संप्रभु है?
  50. प्रश्न- 'संसदीय प्रभुता' के सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  51. प्रश्न- विपक्षी दल की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- लार्ड सभा एवं प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- ब्रिटिश कानून कितने प्रकार से प्रयोग में लाये जाते हैं?
  55. प्रश्न- राजनीतिक दलों के कार्यों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- राजनीतिक दल मतदाताओं में अपना समर्थन बढाने के लिये कौन-कौन से साधनों का प्रयोग करते हैं।
  57. प्रश्न- ब्रिटेन तथा फ्राँस की दलीय प्रणाली का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
  58. प्रश्न- अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यों, शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति की वृद्धि एवं उसके कारणों की विवेचना कीजिये।
  60. प्रश्न- अमेरिकी व ब्रिटिश मंत्रिमंडल की तुलना कीजिए।
  61. प्रश्न- ब्रिटिश संप्रभु (क्राउन) प्रधानमंत्री तथा अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलनात्मक विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- अमेरिका के सीनेट के गठन, उसकी शक्ति एवं कार्यों की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  64. प्रश्न- अमेरिकी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  65. प्रश्न- अमेरिका का उच्चतम न्यायालय व्यवस्थापिका का तृतीय सदन बनता जा रहा है। स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- सर्वोच्च के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- न्यायिक पुनर्निरीक्षण से आप क्या समझते हैं? अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के संदर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए।
  68. प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय की कार्य-प्रणाली का विवेचना कीजिए।
  69. प्रश्न- अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के गठन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति में क्या अन्तर है?
  70. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका है?
  72. प्रश्न- अमेरिका तथा ब्रिटेन के राजनीतिक दलों की समानता और असमानताओं का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- दबाव अथवा हित समूह से आप क्या समझते हैं? दबाव समूह के प्रमुख लक्षण एवं साधनों पर प्रकाश डालिए।
  74. प्रश्न- संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
  75. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति को दलीय अथवा राष्ट्रीय नेता के रूप में पर टिप्पणी कीजिए।
  76. प्रश्न- राष्ट्रपति एवं मन्त्रिमण्डल के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- जैरीमैण्डरिंग पर संछिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- सीनेट के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  79. प्रश्न- यू. एस. ए. 'सीनेट की शिष्टता' का क्या अर्थ है?
  80. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा की दुर्बलता के कारण बताइये।
  81. प्रश्न- संघीय न्यायपालिका कितने प्रकार की होती है?
  82. प्रश्न- संघीय न्यायलय क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- जिला न्यायालय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- संघीय अपील न्यायालय पर प्रकाश डालिये।
  85. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  86. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों की कमियों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- अमरीका और इंग्लैण्ड की दल- प्रणाली की तुलना कीजिए।
  88. प्रश्न- अमेरिका के राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- माओवाद क्या है? माओवाद के प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  90. प्रश्न- कन्फ्यूशियसवाद क्या है? इसके प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  91. प्रश्न- चीनी विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के गठन, शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  92. प्रश्न- जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति के बारे में आप क्या जानते हंत उसकी शक्ति एवं कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
  93. प्रश्न- स्थायी समिति की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- जनवादी चीन के राष्ट्रपति के कार्यों एवं अधिकारों की विवेचना कीजिए।
  95. प्रश्न- चीन में न्याय व्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें बताते हुये न्यायपालिका के संगठन एवं उसकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल के संगठन का वर्णन कीजिए।
  97. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- एक देश दो प्रणाली नीति से आप क्या समझते हैं?
  99. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- चीन में कांग्रेस के सदस्यों के अधिकारों एवं दायित्वों की विवेचना कीजिए।
  102. प्रश्न- चीन राज्य परिषद के गठन पर प्रकाश डालिये।
  103. प्रश्न- चीन के सैनिक केन्द्रीय आयोग पर टिप्पणी लिखिए।
  104. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की वास्तविक स्थिति की विवेचना कीजिए।
  105. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जनवादी चीन में प्रोक्यूरेटोरेट पद की व्यवस्था का विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के संविधान की संशोधन प्रकिया का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र की सफलता के कारणों को इंगित कीजिए।
  110. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र की कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
  111. प्रश्न- स्विट्जरलैंड की कार्यपालिका के बारे में बताइये।
  112. प्रश्न- स्विस व्यवस्थापिका के बारे में बताइये।

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