बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा करसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत निम्नलिखित पदों को परिभाषित कीजिए -
1. न्याय निर्णयन प्राधिकारी
2. कुल टर्नओवर
3. निर्धारण
4. व्यवसाय
5. पूँजीगत माल
6. प्रतिफल
7. विमुक्त आपूर्ति
8. माल
9. जॉब वर्क
10. विनिर्माण
11. सेवाएँ
उत्तर -
के अन्तर्गत प्रमुख पदों की परिभाषाएँ
(Definitions of Major Terms Under the
Central Goods and Services Act, 2017)
1. न्याय निर्णयन प्राधिकारी (Adjudicating Officer) [धारा 2(4)] - कोई प्राधिकारी जिसे इस अधिनियम के अधीन निर्णयन करने या आदेश पारित करने के लिए नियुक्त या अधिकृत किया गया है, परन्तु इसमें शामिल नहीं है
उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क केन्द्रीय बोर्ड-
(a) समीक्षा प्राधिकारी,
(b) अपीलीय प्राधिकारी,
(c) अपीलीय न्यायाधिकरण,
(d) अग्रिम निर्णयन प्राधिकारी,
(e) अग्रिम नियमन का अपीलीय प्राधिकारी।
2. कुल टर्नओवर (Aggregate Turnover) [धारा 2(6)] - कुल टर्नओवर का आशय सभी करयोग्य आपूर्तियों (ऐसे आवक आपूर्तियों के मूल्य को अपवर्जित करके, जिस पर किसी व्यक्ति द्वारा विपरीत प्रभार के आधार कर का संदाय किया जाता है), छूट प्राप्त आपूर्तियों माल या सेवाओं या दोनों के निर्यातों और अखिल भारतीय आधार पर समान, स्थायी खाता संख्यांक वाले व्यक्तियों अंतर्राज्यीय आपूर्ति के संकलित मूल्य से है, किन्तु इसमें केन्द्रीय कर, राज्य कर, संघ राज्यक्षेत्र कर, एकीकृत कर और उपकर शामिल नहीं है।
3. निर्धारण (Assessment) [धारा 2 (11)] - शब्द "निर्धारण से आशय इस अधिनियम के अधीन कर के दायित्व के अवधारण से है।
इसमें निम्नांकित भी सम्मिलित है-
(a) स्वतः निर्धारण,
(b) पुनः निर्धारण,
(c) अनन्तिम निर्धारण,
(d) संक्षिप्त निर्धारण, तथा
(e) सर्वोत्तम विवेक बुद्धि के अनुसार निर्धारण।
4. व्यवसाय (Business) [धारा 2 (17)] - व्यवसाय में निम्नलिखित को शामिल किया गया-
(a) व्यवसाय या कोई व्यापार, वाणिज्य, निर्माण, वृत्ति, व्यवसाय, साहस, बाजी या उसी प्रकार की कोई अन्य गतिविधि चाहे वह किसी धन कमाने के लिए हो या न हों।
(b) उपर्युक्त के सम्बन्ध में या उसके संयोगिक या सहायक कोई गतिविधि या व्यवहार।
(c) उपर्युक्त (a) की प्रकृति की कोई गतिविधि या व्यवहार चाहे ऐसे व्यवहार का कोई परिमाण, आवृत्ति, निरन्तरता या नियमितता हो या न हो।
(d) व्यवसाय के प्रारम्भ या उसके समापन के सम्बन्ध में पूँजी माल सहित माल और सेवाओं की आपूर्ति या अर्जन।
(e) क्लब, एसोसिएशन, सोसाइटी या वैसी ही सुविधाओं या लाभों वाली किसी संस्था द्वारा उसके सदस्यों के लिए (किसी अंशदान या किसी अन्य प्रतिफल के लिए) कोई व्यवस्था।
(f) किसी परिसर में किसी प्रतिफल के बदले व्यक्तियों का प्रवेश जैसे स्टेडियम में मैच देखने का टिकिट
(g) किसी व्यक्ति द्वारा ऐसे पदधारक के रूप में जो उसने अपने व्यापार, वृत्ति या व्यवसाय के दौरान या उसे अग्रसर करने के लिए स्वीकार किया है, आपूर्ति की गई सेवाएँ।
(h) किसी घुड़दौड़ क्लब द्वारा टोटलाइजेटर द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाएँ या ऐसे क्लब में बुकमेकर की अनुज्ञप्ति।
(i) केन्द्रीय सरकार, किसी राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी द्वारा की गयी कोई ऐसी गतिविधि या संव्यवहार जिसमें वे लोक प्राधिकारियों के रूप में लगे हैं।
सामान्यतया व्यवसाय में व्यापार, वाणिज्य' विनिर्माण, वृत्ति, उद्यम, बाजी की प्रकृति का कार्य या इसी प्रकार के अन्य क्रियाकलाप शामिल हैं, चाहे वे लाभ कमाने हेतु हों या न हों। व्यवसाय से सम्बन्धित, प्रासंगिक एवं सहायक व्यवहार भी व्यवसाय माने जायेंगे।
5. पूँजीगत माल (Capital Goods) [धारा 2(19)] - "पूँजी माल से अभिप्राय ऐसे माल से हैं-
(i) जिसका मूल्य इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने वाले व्यक्ति की खाताबहियों में 'पूँजीकृत' है एवं
(ii) जिसका व्यवसाय के दौरान या उसे अग्रसर करने में उपयोग किया जाता है या उपयोग किया जाना आंशयित है।
6. प्रतिफल (Consideration) [धारा 2(31) ] - माल अथवा सेवाओं अथवा दोनों के सम्बन्ध में प्रतिफल के अन्तर्गत निम्नांकित सम्मिलित हैं-
(a) माल या सेवा के प्राप्तकर्ता द्वारा या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा, वस्तु या सेवाओं या दोनों की 'आपूर्ति के संबंध में या उनके बदले में या इनकी 'प्रलोभन के संबंध में चाहे धन के रूप में या अन्य रूप में किया गया या किया जाने वाला कोई भुगतान प्रतिफल कहलायेगा। परन्तु इनमें केन्द्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा दी गई कोई सब्सिडी शामिल नहीं होगी।
(b) माल या सेवा के प्राप्तकर्ता द्वारा या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा, माल या सेवाओं या दोनों की 'आपूर्ति के संबंध में' या सेवाओं या दोनों की 'आपूर्ति के संबंध में' या उनके बदले में या उनके प्रलोभन में किसी कार्य को करने या उससे अलग रहने का मौद्रिक मूल्य भी प्रतिफल माना जायेगा। इसमें केन्द्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा दी गई कोई सब्सिडी शामिल नहीं होगी।
परन्तु, माल या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति के संबंध में दी गई जमाराशि को ऐसी आपूर्ति के लिए किए गए भुगतान के रूप में नहीं माना जाएगा, जब तक आपूर्तिकर्ता ऐसी जमाराशि को आपूर्ति के लिए प्रतिफल के रूप में प्रयोग न करें।
7. विमुक्त आपूर्ति (Exempt Supply) [धारा 2 (47)] - विमुक्त आपूर्ति का आशय माल या सेवाओं की ऐसी आपूर्ति से है, जिस पर शून्य दर पर कर लागू हो अथवा जो माल एवं सेवाकर विधान के अधीन पूर्णतः कर मुक्त है, अथवा जो एकीकृत माल एवं सेवाकर अधिनियम, 2017 के अधीन करमुक्त हो सकती है।
करमुक्त आपूर्ति का आशय ऐसी समस्त आपूर्तियों से जिनका करभार किसी पक्षकार को वहन नहीं करना है, चाहे उन्हें को करमुक्त कहा जाता हो अथवा नहीं। विचारणीय बिन्दु यह है कि कर का भुगतान नहीं है।
8. माल (Goods) [धारा 2(52)] - माल से आशय धन एवं प्रतिभूतियों को छोड़कर सभी प्रकार की जंगम (चल) सम्पत्ति से है। इसमें निम्नांकित भी शामिल हैं-
(i) अनुयोज्य दावे,
(ii) उगती फसलें,
(iii) घास, एवं
(iv) भूमि से जुड़ी हुई ऐसी वस्तुयें,
जिनका आपूर्ति से पहले अथवा आपूर्ति की संविदा के अधीन पृथक किये जाने का करार किया गया है। इस प्रकार 'माल' की परिभाषा में-
(a) धन, एवं (b) प्रतिभूतियों को छोड़कर सभी प्रकार की चल सम्पत्तियों को सम्मिलित किया गया है। यहाँ तक कि
(i) अनुयोज्य दावों,
(iii) घास, एवं
(ii) उगती फसलों,
(iv) भूमि से पृथक की जा सकने वाली भूबद्ध वस्तुओं को भी इसमें शामिल किया गया है।
9. जॉब वर्क (Job Work) [धारा 2(68)1 - जॉब वर्क का आशय किसी अन्य पंजीकृत व्यक्ति के माल पर कोई उपचार या प्रक्रिया करने से है, और अभिव्यक्ति 'जॉब वर्कर' का अर्थ तद्नुसार लगाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह परिभाषा केवल पंजीकृत व्यक्ति के माल पर कार्य करने तक सीमित है। अतः यदि प्रधान अपंजीकृत है, तब जॉब वर्क परिभाषा के क्षेत्र में नहीं आएगा।
10. विनिर्माण (Manufacture) [धारा 2 (72)] - विनिर्माण का आशय कच्चे माल अथवा इनपुट का किसी भी पद्धति से ऐसा प्रक्रियाकरण है, जिसका परिणाम ऐसे नवीन उत्पाद के रूप में होता है, जिसका पृथक नाम, विशेषताएँ एवं प्रयोग हो और शब्द 'निर्माता' का अर्थ तद्नुसार लगाया जाएगा केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम के अधीन निर्माण की अवधारणा निरर्थक है, क्योंकि कर माल अथवा सेवाओं की पूर्ति पर है। अभिव्यक्ति निर्माता का प्रयोग केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम में निम्नांकित तीन उद्देश्यों के लिए किया गया है- (i) कम्पोजीशन स्कीम के अधीन विभिन्न कर की दरें (ii) खातों व पुस्तकों का अनुरक्षण, और (iii) ट्रांजीशनल प्रावधान।
11. सेवाएँ (Services) [धारा 2 (102)] - वस्तु, धन और प्रतिभूतियों के अलावा प्रतिफल के बदले सब कुछ करना सेवाओं के अन्तर्गत आता है। लेकिन एक ऐसी गतिविधि जिसके अन्तर्गत किसी करेंसी को नकद या किसी और करेंसी में परिवर्तित किया जाता है और जिसके बदले में अलग से प्रतिफल लिया जाता है तब ऐसी आपूर्ति को भी सेवाओं में शामिल किया जायेगा।
'सेवा को उसके अधिकतम विस्तृत अर्थ में परिभाषित किया गया है। प्रत्येक वस्तु जो 'माल' नहीं है, वह 'सेवा' है। सेवाओं के अन्तर्गत एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के लिए प्रतिफल के बदले किया गया कोई कार्य या शारीरिक/मानसिक क्रियाकलाप शामिल है। जैसे- अध्यापन कार्य, इंजीनियरिंग सेवाएँ, अभिनय, लेखन, गतिविधियाँ आदि परन्तु करयोग्य सेवाओं के संदर्भ में निम्नलिखित अपवाद हैं-
(i) कर्मचारी द्वारा नियोक्ता को दत्त सेवाएँ,
(ii) न्यायालय द्वारा किसी बाद के सम्बन्ध में फीस,
(iii) वादयोग्य दावों के व्यवहार,
(iv) माल या वस्तुओं के व्यवहार या भेंट।
उदाहरण (Examples) -
1. एक विदेशी मुद्रा डीलर एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदलने के लिए कमीशन लेता है। जिन सेवाओं की गतिविधियों से संबंधित कमीशन अलग से चार्ज किया जाता है। उन्हें 'आपूर्ति' माना जायेगा।
2. X ने घर के निर्माण हेतु बैंक से 10 साल के लिए 15,00,000₹ ऋण लिया। किस्त प्रत्येक महीने के अंत में देय होगी। ऋण लेने के समय 5,000 ₹ के दस्तावेज शुल्क का भुगतान X ने किया यहाँ, ऋण लेना सेवाओं की आपूर्ति नहीं है लेकिन दस्तावेज शुल्क पर माल एवं सेवा कर लगेगा
3. यदि X बैंक में 1,00,000 ₹ की नकदी जमा करते हैं तो यह सेवा की आपूर्ति नहीं है। बैंक में नकदी जमा करने पर माल एवं सेवा कर नहीं लगता है।
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- प्रश्न- कर का आशय तथा प्रकार बताइये। अप्रत्यक्ष कर क्या होता है? क्या माल एवं सेवा कर भारत में पहले लागू अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का उपचार है?
- प्रश्न- भारत में पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की उन कमियों को बताइये जिन्होंने माल एवं सेवा कर व्यवस्था को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- प्रश्न- स्पष्ट कीजिए कि माल एवं सेवा कर पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दोषों का उपचार है।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर की अवधारणा समझाइये। इसकी आवश्यकता तथा उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर की आवश्यकता तथा उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- भारत में माल एवं सेवा कर इतिहास / पृष्ठभूमि समझाइये।
- प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत निम्नलिखित पदों को परिभाषित कीजिए -
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क के लक्षण बताइये।
- प्रश्न- जी.एस.टी. नेटवर्क के क्या कार्य है?
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद की संरचना तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद के कार्यों को बताइए।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद की सभाओं के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर के व्यापार, विनिर्माण, सेवा आदि क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर के निम्नांकित पर प्रभाव बताइये। (a) सेवाप्रदाताओं पर (b) उपभोक्ताओं पर (c) केन्द्रीय सरकार पर (d) राज्य सरकारों पर
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर के देश पर तथा विशिष्ट क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर के समग्र प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर के उद्ग्रहण को समझाइये।
- प्रश्न- जी.एस.टी. नेटवर्क की सेवाएँ बताइए। इस नेटवर्क के द्वारा करदाता कौन-सी सूचनाएं देते हैं?
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर के अधीन कर के भुगतान के लिए कौन दायी होता है?
- प्रश्न- जी एस टी के लाभ-हानियों का उल्लेख करें-
- प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत आपूर्ति से आपका क्या आशय है? इसके क्षेत्र को विस्तारपूर्वक समझाइये।
- प्रश्न- आपूर्ति के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'संयुक्त आपूर्ति' व प्रमुख आपूर्ति तथा 'मिश्रित आपूर्ति का आशय बताइये। इनमें अन्तर तथा कर दायित्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संयुक्त आपूर्ति पर करदेयता को बताइए।
- प्रश्न- मिश्रित आपूर्ति का आशय बताइए।
- प्रश्न- मिश्रित आपूर्ति की दशा में करदेयता बताइए।
- प्रश्न- संयुक्त आपूर्ति तथा मिश्रित आपूर्ति में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- आपूर्ति का समय क्या होता है? आपूर्ति के समय पर माल एवं सेवा कर की दरों में परिवर्तन का प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- माल की आपूर्ति का समय बताइए।
- प्रश्न- सेवाओं की आपूर्ति का समय बताइये।
- प्रश्न- आपूर्ति के समय पर माल एवं सेवा कर की दरों में परिवर्तन का प्रभाव बताइए।
- प्रश्न- आपूर्ति का मूल्य क्या है? इसकी गणना के सम्बन्ध में सामान्य नियम बताइए।
- प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य की गणना के सम्बन्ध में सामान्य नियम बताइये।
- प्रश्न- कम्पोजीशन योजना की विशेषताएँ तथा लाभ व हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- कम्पोजीशन योजना की हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- आपूर्तिकर्ता तथा प्राप्तकर्ता का स्थान भारत में होने की दशा में सेवाओं की आपूर्ति का स्थान समझाइये।
- प्रश्न- सेवाओं की आपूर्ति का स्थान बताइये यदि आपूर्तिकर्ता का स्थान अथवा प्रापक का स्थान भारत के बाहर हो।
- प्रश्न- सम्बन्धित व्यक्ति, भिन्न व्यक्ति तथा परिवार में कौन शामिल है?
- प्रश्न- वे गतिविधियाँ या लेनदेन बताइये जिन्हें न तो माल की आपूर्ति और न ही सेवा की आपूर्ति के रूप में माना जायेगा।
- प्रश्न- अन्तर्गमन तथा बहिर्गमन आपूर्तियाँ क्या होती हैं?
- प्रश्न- माल अथवा सेवाओं अथवा दोनों की आपूर्ति का स्थान समझाइये।
- प्रश्न- भिन्न अथवा सम्बन्धित व्यक्तियों के मध्य आपूर्ति के मूल्य निर्धारण के नियम बताइये।
- प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य निर्धारण हेतु निम्नलिखित के बारे में नियम बताइये - एजेण्ट के माध्यम से आपूर्ति
- प्रश्न- प्रमुख करमुक्त सेवाओं को बताइये।
- प्रश्न- प्रमुख करमुक्त माल की सूची बनाइए।
- प्रश्न- निम्नांकित सेवाओं के बारे में माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत प्रदत्त करमुक्ति के प्रावधान बताइये- (a) पुण्यार्थ संस्थान द्वारा सेवा, (b) सरकार द्वारा सेवा, (c) धार्मिक सेवा।
- प्रश्न- लघु आपूर्तियों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट का आशय क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता के लिए क्या शर्तें निर्धारित की गयी हैं? उनका वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट को प्राप्त करने हेतु शर्तें बताइए।
- प्रश्न- केन्द्रीय माल तथा सेवाकर अधिनियम, 2017 की धारा 17 के अन्तर्गत जिन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं होती है, उनके बारे में बताइये। क्रेडिट विभाजन के बारे में समझाइये।
- प्रश्न- क्रेडिट विभाजन सम्बन्धी प्रावधान बताइये।
- प्रश्न- सेवा वितरक से आप क्या समझते हैं? इसके द्वारा क्रेडिट का वितरण समझाइये।
- प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक द्वारा क्रेडिट का वितरण समझाइये।
- प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत कर के भुगतान की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। माल तथा सेवाकर भुगतान प्रक्रिया के प्रमुख लक्षण लिखिए।
- प्रश्न- कर भुगतान के प्रमुख लक्षण बताइये।
- प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत करों के भुगतान हेतु रखे जाने वाले विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों को समझाइए।
- प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर को समझाइए।
- प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक दायित्व रजिस्टर के बारे में बताइए।
- प्रश्न- करदाता को कितने प्रकार के रिफण्ड (धन वापसी) उपलब्ध होते हैं? रिफण्ड के दावे की प्रक्रिया समझाइये।
- प्रश्न- रिफण्ड के दावे की प्रक्रिया समझाइए।
- प्रश्न- अन्यायपूर्ण संवर्धन का सिद्धान्त क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- उपभोक्ता कल्याण कोष को समझाइए।
- प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत स्रोत पर कर की कटौती के बारे में क्या व्यवस्था की गई है?
- प्रश्न- स्रोत पर कर संग्रह के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- विवरणी से आप क्या समझते हैं? इसके उद्देश्य बताइए। माल एवं सेवा कर विधान के अधीन विवरणियों को फाइल करने के लिए कौन उत्तरदायी है तथा किसे मुक्ति दी गयी है?
- प्रश्न- विवरणियों के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- विवरणियों के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों को बताइए।
- प्रश्न- "विवरणी फाइल करने के माध्यम तथा विवरणियों के प्रकार बताइए। बहिर्गमन आपूर्ति तथा अन्तर्गमन आपूर्ति के विवरण प्रस्तुतीकरण को समझाइए।
- प्रश्न- बहिर्गमन आपूर्तियों के विवरण प्रस्तुतीकरण को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्गमन आपूर्तियों के विवरण प्रस्तुतीकरण को बताइए।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर अथवा जी एस टी व्यवसायी कौन होता है? इसके पात्रता मानदण्ड बताइए। इसके सम्बन्ध में अनुमोदन की रीति, गतिविधियाँ, शर्ते तथा विवरण के ठीक होने के उत्तरदायित्व के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर हेतु अनुमोदन प्रक्रिया क्या है? माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर की गतिविधियाँ बताइये।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर हेतु शर्तें क्या है? विवरण के ठीक होने के सम्बन्ध में इसका उत्तरदायित्व बताइए।
- प्रश्न- जी एस टी आर-3 में मासिक विवरणी का प्रस्तुतीकरण बताइये।
- प्रश्न- वार्षिक विवरणी क्या होती है? बताइए।
- प्रश्न- अन्तिम विवरणी के बारे में बताइए। विवरणी फाइल करने में चूक करने वालों को सूचना देने तथा विलम्ब शुल्क की उगाही के बारे में क्या व्यवस्था की गयी है?
- प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अधीन किस प्रकार के व्यक्ति पंजीकरण कराने के लिए दायी होते हैं? समझाइये।
- प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 24 के अधीन कौन से व्यक्तियों को पंजीयन कराना आवश्यक है?
- प्रश्न- अन्य मामलों में पंजीयन हेतु कौन दायी है?
- प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 25 के अधीन पंजीकरण प्रक्रिया समझाइये।
- प्रश्न- पंजीयन के विशिष्ट मामलों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनिवासी कराधेय व्यक्ति को परिभाषित कीजिए तथा इसकी पंजीयन प्रक्रिया बताइए।
- प्रश्न- जॉब वर्कर तथा विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित इकाई के पंजीयन को बताइए।
- प्रश्न- कौन-कौन से व्यक्ति कम्पोजीशन लेवी का विकल्प चुन सकते हैं? इस स्कीम को अपनाने के अपात्र व्यक्ति कौन हैं?
- प्रश्न- कम्पोजीशन लेवी का विकल्प कौन चुन सकता है?
- प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम के अपात्र व्यक्ति बताइये।
- प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम हेतु शर्तें तथा प्रतिबन्ध बताइये। शर्तों के अतिलंघन के सम्बन्ध में दण्ड के क्या प्रावधान हैं?
- प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम की शर्तों के उल्लंघन की दशा में दण्ड का प्रावधान बताइए।
- प्रश्न- वे कौन से व्यक्ति हैं जो पंजीयन हेतु दायी नहीं होते हैं?
- प्रश्न- आकस्मिक कराधेय व्यक्ति तथा अनिवासी कराधेय व्यक्ति में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- टिप्पणी लिखिये- (a) पंजीयन प्रमाणपत्र की वैधानिकता, (b) पंजीयन हेतु वाँछनीय सूचनाएँ, (c) पंजीयन आवेदनपत्र पर हस्ताक्षरी, (d) अग्रिम कर जमा करना।
- प्रश्न- पंजीयन प्रमाणपत्र का निरस्तीकरण समझाइए।
- प्रश्न- 'पंजीकरण के निरस्तीकरण का खण्डन' बताइये।
- प्रश्न- समझाइये कि 'कम्पोजीशन लेवी एक विकल्प मात्र है।
- प्रश्न- कम्पोजीशन लेवी के तहत कर की दरें बताइये।
- प्रश्न- कर बीजक से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय सामग्री, समय तथा जारी करने की पद्धति को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कर बीजक को जारी करने के समय के बारे में बताइए।
- प्रश्न- कर बीजक को जारी करने की रीति समझाइये।
- प्रश्न- कर बीजक की विषय-सामग्री क्या होती है?
- प्रश्न- निम्नलिखित को समझाइए- (a) संशोधित कर बीजक (b) समेकित कर बीजक, (c) प्राप्ति प्रमाणक का निर्गमन, (d) रिफण्ड या वापसी बाउचर का निर्गमन, (e) प्रतिलोभी प्रभार के तहत बीजक, तथा भुगतान वाउचर।
- प्रश्न- समेकित कर बीजक क्या होता है? आपूर्ति का बिल कब निर्गमित किया जाता है? इसमें दी जाने वाली सूचनाएँ बताइए।
- प्रश्न- प्राप्ति प्रमाणक क्या होता है? इसकी विषय-वस्तु बताइए।
- प्रश्न- रिफण्ड वाउचर के निर्गमन को समझाइए।
- प्रश्न- प्रतिलोमी प्रभार के तहत बीजक के बारे में क्या प्रावधान हैं? भुगतान प्रमाणक के बारे में भी समझाइए।
- प्रश्न- विशेष मामलों में कर बीजक को समझाइये।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए-
- प्रश्न- क्रेडिट तथा डेबिट नोट को समझाइए।
- प्रश्न- ई-वे बिल क्या है? इसकी विशेषताएँ तथा आवश्यकता को समझाइए।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत अंकेक्षण के बारे में बताइए तथा निम्नलिखित को समझाइए- (a) चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट अथवा कॉस्ट एकाउण्टेन्ट द्वारा अंकेक्षण, (b) कर प्राधिकारियों द्वारा अंकेक्षण, तथा (c) विशेष अंकेक्षण।
- प्रश्न- माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत अंकेक्षण के प्रकार बताइए। चार्टर्ड एकाउण्टेन्ट
- प्रश्न- कर प्रधिकारियों द्वारा अंकेक्षण को समझाइए।
- प्रश्न- विशेष अंकेक्षण को समझाइए।
- प्रश्न- कर निर्धारण से आप क्या समझते है? इसमें क्या-क्या शामिल रहता है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अस्थायी कर निर्धारण को समझाइए।
- प्रश्न- सारांश निर्धारण क्या है?
- प्रश्न- सर्वोत्तम निर्णय कर निर्धारण को समझाइए।
- प्रश्न- HSN कोड का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक की भूमिका बताइए।
- प्रश्न- माल तथा सेवा कर पहचान संख्या की संरचना बताइए।
- प्रश्न- माल तथा सेवा कर में सेवा लेखांकन कोड (SAC) को बताइये।