बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- कुंठा आक्रामकता सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
अथवा
“ आक्रामकता कुण्ठा का परिणाम हैं। इस कथन की वैधता की जांच कुण्ठा आक्रामकता सिद्धान्त के संदर्भ में कीजिए।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. कुण्ठा आक्रामकता को किस प्रकार प्रभावित करती है? व्याख्या कीजिये।
2. कुण्ठा आक्रामकता के सिद्धान्त पर टिप्पणी लिखिए।
3. कुण्ठा आक्रामकता परिकल्पना की संक्षेप में विवेचना कीजिए।
उत्तर -
कुण्ठा आक्रामकता सिद्धान्त
(Frustration Aggression Theory)
इस सिद्धान्त का प्रतिपादन डोलार्ड एवं उनके सहयोगियों (Dollard et al, 1929) ने किया। उनका मानना था कि आक्रामकता कुण्ठा का परिणाम होती है। इन्होनें इसमें कारण परिणाम संबंध बताये हैं। इस सिद्धान्त के महत्वपूर्ण पदों का वर्णन निम्नलिखित हैं
1. कुण्ठा (Frustration ) किसी इंच्छित लक्ष्य पर पहुंचने के लिए व्यक्ति द्वारा किया गया व्यवहार जब बीच में अवरुद्ध हो जाता है तो इससे उत्पन्न होने वाली मनोदशा को कुण्ठा कहते हैं।
2. आक्रामकता (Aggression ) - डोलार्ड के अनुसार दूसरों को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया शाब्दिक या शारीरिक व्यवहार को आक्रामकता कहते हैं।
सिद्धान्त की प्रकल्पनाएं
(Hypothesis)
डोलार्ड ने अपने इस सिद्धान्त की निम्नलिखित दो प्राकल्पनाएं बतायी हैं -
1. कुण्ठा से हमेशा ( हर परिस्थिति में) किसी न किसी प्रकार की आक्रामकता की उत्पत्ति होती है।
2. आक्रामकता हमेशा कुण्ठा से उत्पन्न होती है।
कुण्ठा व्यक्ति में किसी न किसी प्रकार की आक्रामकता उत्पन्न करती है एवं हर आक्रामकता के मूल में कुण्ठा उत्पन्न होती है। किसी लक्ष्य पर पहुंचने में उत्पन्न बाधा से व्यक्ति में कुण्ठा होती है और कुण्ठा के फलस्वरूप व्यक्ति में आक्रामकता होती है। व्यक्ति को किस परिस्थिति में कितनी कुण्ठा होगी फिर कुण्ठा से कितनी आक्रामकता होगी, यह निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है -
1. लक्ष्य के महत्वपूर्ण होने पर यदि व्यक्ति को लक्ष्य प्राप्त करने में बाधा पहुंचती हैं तो उसे अधिक होती है अर्थात लक्ष्य जितना महत्वपूर्ण होगा कुण्ठा उतनी अधिक होगी।
2. यदि व्यक्ति का लक्ष्य पर पहुंचने का मार्ग आंशिक रूप से अवरुद्ध हुआ है तो कुण्ठा की मात्रा कम होगी अर्थात् कुण्ठा की मात्रा अवरुद्धता की दशा पर निर्भर करती है।
3. लक्ष्य पर पहुंचने के कई मार्ग एवं व्यवहार होते हैं। कुण्ठा की मात्रा ऐसे व्यवहारों के अवरुद्ध होने की संख्या पर निर्भर करती है, जितने अधिक मार्ग अवरुद्ध होंगें कुण्ठा उतनी अधिक होगी।
कुण्ठा आक्रामकता सिद्धान्त में आक्रामकता को कम करने के लिए दो उपायों का वर्णन किया गया है -
1. पहला उपाय यह है कि यदि व्यक्ति में कुण्ठा को उत्पन्न ही नहीं होने दिया जाए या कुण्ठा उत्पन्न होने पर उसकी समाप्ति कर दी जाए तो ऐसी परिस्थिति में आक्रामकता स्वतः ही कम हो जाएगी अर्थात् इसमें कुण्ठा को समाप्त करने पर बल डाला गया है।
2. दूसरे उपाय में व्यक्ति को आक्रामक व्यवहार प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसे विरेचन की प्रविधि कहते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि बार-बार आक्रामक व्यवहार करने से उत्तेजन शक्ति धीरे-धीरे कम होने लगती है और भविष्य में आक्रामकता प्रदर्शित की संभावना न के बराबर होती है।
कुण्ठा आक्रामकता सिद्धान्त की आलोचनाएं
(Criticisms of Frustration Aggression Theory)
यद्यपि इस सिद्धान्त की काफी प्रासंगिकता है एवं इसके पक्ष में अनुभाविक परिणाम भी उपलब्ध हैं फिर भी इस सिद्धान्त में कुछ दोष हैं, जो निम्नलिखित हैं-
1. बास Bass, 1961 ने कहा है कि कुण्ठा आक्रामकता का प्रमुख कारण है, परन्तु यह एकमात्र कारण नहीं है।
2. बेरोन Baron, 1977 ने कहा है कि यह आवश्यक नहीं कि कुण्ठा की दशा में सदैव आक्रामकता प्रदर्शित होगी। कभी-कभी ऐसा नहीं भी होता है।
3. प्रत्येक कुण्ठा आक्रामकता की उत्पत्ति नहीं करती, परन्तु यदि आक्रामकता से सम्बन्धित वस्तु, व्यक्ति या संकेत परिस्थिति में उपस्थित हैं तो आक्रामकता की भावना बढ़ जाती है।
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- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के कार्यक्षेत्र की व्याख्या करें।
- प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिए। इसके अध्ययन की दो महत्वपूर्ण विधियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में सर्वेक्षण विधि के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में क्षेत्र अध्ययन विधि से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार तथा गुण दोषों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान को परिभाषित कीजिए। इसकी प्रयोगात्मक तथा अप्रयोगात्मक विधियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर- सांस्कृतिक शोध विधि क्या है? इसके गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की आधुनिक विधियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के अध्ययन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के महत्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अर्ध-प्रयोगात्मक विधि का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- क्षेत्र अध्ययन विधि तथा प्रयोगशाला प्रयोग विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिये।
- प्रश्न- समाजमिति विधि के गुण-दोष बताइये।
- प्रश्न- निरीक्षण विधि पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसके स्वरूप को समझाइए।
- प्रश्न- प्रभावांकन के साधन की व्याख्या कीजिए तथा यह किस प्रकार व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण में सहायक है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- दूसरे व्यक्तियों के बारे में हमारे मूल्यांकन पर उस व्यक्ति के व्यवहार का क्या प्रभाव पड़ता है? स्पष्ट कीजिए
- प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण से आप क्या समझते हैं? यह जन्मजात है या अर्जित? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- चित्रीकरण करना किसे कहते हैं?
- प्रश्न- अवचेतन प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सामाजिक प्रत्यक्षण पर संस्कृति का क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न- छवि निर्माण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- आत्म प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षण में प्रत्यक्षणकर्ता के गुणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रत्यक्षपरक सुरक्षा किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सामाजिक अनुभूति क्या है? सामाजिक अनुभूति का विकास कैसे होता है?
- प्रश्न- स्कीमा किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?
- प्रश्न- सामाजिक संज्ञानात्मक के तहत स्कीमा निर्धारण की प्रक्रिया कैसी होती है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बर्नार्ड वीनर के गुणारोपण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- केली के सह परिवर्तन गुणारोपण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- क्या स्कीमा स्मृति को प्रभावित करता है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- क्या सामाजिक अनुभूति में सांस्कृतिक मतभेद पाए जाते हैं?
- प्रश्न- स्कीम्स (Schemes) तथा स्कीमा (Schema) में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवृत्ति से आप क्या समझते हैं? इसके घटकों को स्पष्ट करते हुए इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए अभिवृत्ति में परिवर्तन लाने के उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवृत्ति परिवर्तन में हाईडर के संतुलन सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक अंसवादिता से आप क्या समझते हैं? फेसटिंगर ने किस तरह से इसके द्वारा मनोवृत्ति परिवर्तन की व्याख्या की?
- प्रश्न- मनोवृत्ति की परिभाषा दीजिए। क्या इसका मापन संभव है? अभिवृत्ति मापन की किसी एक विधि की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में लिकर्ट विधि का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में बोगार्डस विधि के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति मापन में शब्दार्थ विभेदक मापनी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति को परिभाषित कीजिए। अभिवृत्ति मापन की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवृत्ति को परिभाषित कीजिए। मनोवृत्ति के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण क्या है? इसके स्वरूप तथा निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति के क्या कार्य हैं? लिखिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति और प्रेरणाओं में अन्तर समझाइये।
- प्रश्न- अभिवृत्ति मापन की कठिनाइयों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- थर्स्टन विधि तथा लिकर्ट विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- उपलब्धि प्रेरक पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण में वैयक्तिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- “अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण होने का एक मुख्य आधार समानता है।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आक्रामकता को स्पष्ट कीजिए एवं इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्या आक्रामकता जन्मजात होती है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कुंठा आक्रामकता सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- क्या आक्रामकता सामाजिक रूप से एक सीखा गया व्यवहार होता है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आक्रामकता के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कुंठा-आक्रामकता सिद्धान्त को बताइए।
- प्रश्न- आक्रामकता को उकसाने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए। अपने उत्तर के पक्ष में प्रयोगात्मक साक्ष्य भी दें।
- प्रश्न- मानवीय आक्रामकता के वैयक्तिक तथा सामाजिक निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजोपकारी व्यवहार का अर्थ और इसके निर्धारकों पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- प्रतिसामाजिक व्यवहार का स्वरूप तथा विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के सामाजिक व सांस्कृतिक निर्धारक का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परोपकारी व्यवहार को किस प्रकार उन्नत बनाया जा सकता है?
- प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुरूपता से क्या आशय है? अनुरूपता की प्रमुख विशेषताएँ बताते हुए इसको प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अनुरूपता के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह की उपयुक्त परिभाषा दीजिये तथा इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। पूर्वाग्रह तथा विभेद में अन्तर बताइये।'
- प्रश्न- सामाजिक पूर्वाग्रहों की प्रवृत्ति की संक्षिप्त रूप में विवेचना कीजिए। इसके हानिकारक प्रभावों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है? उदाहरण देकर अपने उत्तर की पुष्टि कीजिये।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह कम करने की तकनीकें बताइए।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं एवं स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- दर्शक प्रभाव किसे कहते हैं?
- प्रश्न- पूर्वाग्रह की प्रकृति एवं इसके संघटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह के नकारात्मक प्रभाव का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह के विकास और सम्पोषण में निहित प्रमुख संज्ञानात्मक कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पूर्वाग्रह एवं विभेदन को कम करने के लिये कुछ कार्यक्रमों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- समूह समग्रता से आप क्या समझते हैं? समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- समूह मानदंड क्या है? यह किस प्रकार से समूह के लिए कार्य करते हैं?
- प्रश्न- समूह भूमिका किस प्रकार अपने सदस्यों के लिए कार्य करती है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निवैयक्तिकता से आप क्या समझते हैं? प्रयोगात्मक अध्ययनों से निवैयक्तिकता की प्रक्रिया पर किस तरह का प्रकाश पड़ता है?
- प्रश्न- “सामाजिक सरलीकरण समूह प्रभाव का प्रमुख साधन है। व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- “निर्वैयक्तिता में व्यक्ति अपनी आत्म- अवगतता खो देता है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- समूह के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए और इसे किस तरह से कम किया जा सकता है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- समूह निर्णय पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- समूह की संरचना पर टिप्पणी लिखिये।