लोगों की राय

बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा

बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :215
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2700
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा

प्रश्न- प्रतिभाशाली एवं सृजनशील के लिए निर्देशन का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-

प्रतिभाशाली एवं सृजनशील व्यक्तियों की परमसेवा की बात शुरू करने से पूर्व यह स्पष्ट कर देना आवश्यक हो जाता है कि प्रतिभा और सृजनशीलता एक ही चीज नहीं हैं। इसे कुछ व्यक्ति माननीय ही मान लेते हैं। लेकिन यथार्थ में ऐसा नहीं है। ये तो पूरी तरह सत्य है कि प्रतिभाशाली होना तथा सृजनशील होना दोनों ही उच्च बौद्धिक स्तर के परिणाम हैं। समाज में, कुछ व्यक्ति होते हैं जो अन्य व्यक्तियों की समस्याओं का समाधान खोजने (अनुसंधान) करने और नए नए विचार देने का कार्य करते हैं। तब प्रतिभा और सृजनशीलता के स्पष्टीकरण के लिए निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर विचारणीय होते हैं-

(i) क्या व्यक्ति का प्रतिभाशाली होना और सृजनशील होना एक ही बात है।
(ii) क्या सभी प्रतिभाशाली या उच्च बौद्धिक स्तर वाले व्यक्ति सृजनशील होंगे यह आवश्यक या निश्चित है।
(iii) क्या सृजनशीलता के लिए व्यक्ति का प्रतिभाशाली होना आवश्यक है? अथवा क्या प्रतिभाशाली व्यक्ति से सृजनशीलता अवश्य पाई जाएगी?

मानव समाज में प्रतिभाशाली और सृजनशील व्यक्ति बहुत ही कम पाए जाते हैं। मनोवैज्ञानिक शोधकर्ताओं के लिए उपर्युक्त प्रश्न लंबे समय से चुनौतीपूर्ण रहे हैं। व्यवहारिकता में सृजन को तत्कालीन किसी अंतिम उत्पाद से लगाया जाता है, जबकि हमारा आधुनिक मनोविज्ञान मानता है कि "सृजनशीलता या सृजनात्मकता एक प्रक्रिया है।" यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसके द्वारा व्यक्ति नई रचना, विचार या वस्तु का नया रूप या नया नियोजन करता है। जब कोई व्यक्ति कुछ नए का निर्माण करता है तो यह प्रक्रिया होती है कि उसका तार्किक कितना उचित और संगत होना चाहिए। सृजनशीलता एक मानसिक प्रक्रिया है जिससे कुछ नया उत्पादित किया जाता है। हांलाकि ऐसा एक अपरिहार्य चिंतन द्वारा संभव होता है।

इसे इस संदर्भ में एक विशेष उदाहरण से स्पष्ट किया जा सकता है कि "प्रतिभाशाली व्यक्ति में यह आवश्यक नहीं कि उसमें सृजनात्मकता पाई जाए।" अर्थात सभी प्रतिभा या उच्च बुद्धि से सम्पन्न व्यक्ति सृजनशील होंगे ही यह बिल्कुल आवश्यक नहीं है। यह हो सकता है कि कोई व्यक्ति प्रतिभाशाली के साथ-साथ सृजनशील भी हो।

प्रतिभा अर्थात उच्च बुद्धि तथा सृजनात्मकता के मध्य निकटता का धनात्मक सह-संबंध पाया जाता है। इसी धनात्मक सह-संबंध के आधार पर इन विशिष्ट व्यक्तियों को दो वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

  1. प्रतिभाशाली तथा
  2. सृजनशील प्रतिभा

इस संदर्भ में यह भी कहना सरल होगा कि एक प्रतिभाशाली व्यक्ति सृजनशील भी हो सकता है। तथा सृजनशील व्यक्ति प्रतिभाशाली नहीं हो सकता।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book