बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्धसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध - सरल प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण तथ्य
• निर्णयन में अनेक निर्णय अन्य नवीन निर्णयों को जन्म देते हैं।
• निर्णयन से आशय अपने मस्तिष्क में किसी कार्यवाही को करने के तरीके के निर्धारण से लगाया जाता है।
• प्रबन्धक को निर्णय लेते समय मानवोचित व्यवहार का सिद्धांत सदैव ध्यान में रखना चाहिए।
• समस्या का विश्लेषण निर्णय करने का एक भाग है।
• नीति निर्णय लक्ष्य तथा सामान्य क्रियाविधि निर्धारित करते हैं।
• एक प्रबन्धक का जीवन एक सतत् निर्णयन प्रक्रिया है।
• निर्णय लेना कोई सरल कार्य नहीं है।
• परिसीमित विवेकता के जन्मदाता हर्बर्ट ए. साइमन हैं।
• निर्णयन स्वयं में कोई फैसला नहीं है यह तो विभिन्न विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ विकल्प के चयन की एक तकनीक है।
• नियोजन अधिक व्यापक शब्द है तथा निर्णयन उसका एक अंग है, अन्य शब्दों में नियोजन "में निर्णयन समाहित है।
• प्रबन्ध तथा निर्णयन दोनों अपृथक्करणीय सहगामी है।
• निर्णय लेने की वैज्ञानिक प्रक्रिया में सबसे पहला कदम समस्या के स्वरूपों को समझना है।
• विभिन्न उपलब्ध विकल्पों से एक क्रिया पथ का चयन करना ही निर्णय कहलाता है।
• निर्णय नित्य प्रति के चालू कार्य से सम्बन्धित होते हैं, उन्हें नैत्यिक या सामान्य निर्णय कहते हैं।
• जिन निर्णयों में अधीनस्थों अथवा सम्पर्क समूह को शामिल किया जाये उन्हें समूह निर्णय कहा जाता है।
• निर्णय के लिए विवेक, ज्ञान व अनुभव की आवश्यकता होती हैं।
• निर्णय लेने का शाब्दिक अर्थ 'काट देने' से लगाया जाता है।
• अवधारणा की दृष्टि से निर्णय लेने का अर्थ है- 'किसी निष्कर्ष पर आना । '
• प्रत्येक श्रेणी के प्रबन्धक के निर्णय की प्रकृति भिन्न हो सकती है।
• प्रत्येक निर्णय में वचनबद्धता निहित होती है।
• निर्णय में मूल्याँकन करने का लक्षण भी विद्यमान रहता है।
• निर्णयन प्रायः किसी नीति, निर्णय, आदेश या निर्देश के रूप में व्यक्त होता है।
• निर्णयन के प्रमुख सिद्धांत - निम्न प्रकार हैं-
उचित व्यवहार का सिद्धांत
सीमित घटकों का सिद्धांत
गतिशीलता का सिद्धांत
व्यक्तिगत स्वार्थ का सिद्धांत
आनुपातिकता का सिद्धांत
• निर्णय के प्रकार - निम्नलिखित हो सकते हैं-
नैत्यिक तथा आधारभूत निर्णय
संस्थागत तथा व्यक्तिगत निर्णय
एकाकी तथा सामूहिक निर्णय
नीतिगत तथा प्रचालन निर्णय
निपुणतापूर्ण तथा रणनीतिक निर्णय
औपचारिक तथा नियोजित निर्णय
• "निर्णयन के अभाव में प्रबन्ध के आधारभूत कार्यों का निष्पादन नहीं किया जा सकता है।" -जार्ज आर. टैरी
• निर्णयन की विभिन्न विचारधाराएँ जैसे- परम्परागत आर्थिक या सीमान्त विचारधारा, गणितीय विचारधारा, मनोवैज्ञानिक विचारधारा आदि हैं।
• निर्णयन की विभिन्न तकनीकें जैसे अनुमान रीति, प्रणाली प्रतिरूप रीति, व्यावहारिक रीति, सांख्यकीय रीतियाँ आदि हैं।
• प्रभावी निर्णयन के लिए प्रबन्ध को सैद्धान्तिक व व्यावहारिक दोनों प्रकार की जानकारियाँ रखनी चाहिए।
• परिसीमित विवेकता वाला प्रबन्धक बुद्धिमान प्रबन्धक होता है, वह उन्हीं निर्णयों को अपना कार्य समझता है, जो पर्याप्त अच्छे हैं तथा उसके समय व प्रतिभा की अनावश्यक माँग नहीं करते।
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