बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्धसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक प्रबन्ध - सरल प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण तथ्य
• संगठन संरचना एक संस्था की सम्पूर्ण संस्थात्मक व्यवस्था होती है।
• संगठन संरचना में प्रबन्धकीय तथा परिचालनात्मक कार्य निष्पादित किये जाते हैं।
• संगठन संरचना के निर्धारक तत्व निम्नलिखित हैं-
1. क्रियाओं का विभागीयकरण, समूहीकरण (कार्यानुसार, प्रक्रियानुसार, क्षेत्रानुसार, उत्पादनानुसार, संख्यानुसार आदि)
2.सन्तुलन
3.उत्तरदायित्व के केन्द्रों का निर्धारण
4. सुविधाजनक इकाईयाँ ( समन्वय, कार्य में समानता, नियत्रंण, विशिष्ट सुविधाएँ एवं योग्यताएँ एवं सुविधा को ध्यान में रखकर )
5.उच्च प्रबन्ध व्यवस्था
6.संरचनात्मक व्यवस्थाएँ
7.निरन्तरता
• संगठन प्रबन्ध का ढाँचा होता है।
संगठन उपक्रम में संलग्न व्यक्तियों के कार्यों एवं उनके सम्बन्धों की व्यवस्था करता है।
• बिना उपयुक्त संगठन के उपक्रम एक मृतक के समान है।
• कार्य सौंपे जाने की निम्नलिखित प्रमुख विधियाँ हैं-
रेखा विधि
कर्मचारी (रेखा एवं कर्मचारी) विधि
क्रियात्मक विधि
• वर्तमान समय में संगठन के निम्नलिखित रूप अधिक प्रचलित हैं-
रेखा अथवा सैनिक संगठन
कर्मचारी तथा लम्बवत् संगठन
क्रियात्मक संगठन
समिति संगठन
अन्तर इकाई प्रशासकीय संगठन
पार्श्व संगठन
आव्यूह तथा संयोजन संगठन
• रेखा संगठन, संगठन की सर्वाधिक आसान तथा प्राचीनतम पद्धति है।
• रेखा संगठन में सर्वोच्च अधिकारी से लेकर निम्नतम अधिकारी एक सम्पूर्ण संगठन के रूप में दिखलायी पड़ते हैं।
• रेखा संगठन में अधिकारों का प्रवाह उच्च-स्तर से निम्न स्तर की ओर होता है।
• रेखा संगठन में उत्तरदायित्वों का प्रवाह नीचे से ऊपर की ओर होता है।
• रेखा संगठन में अधिकारों व दायित्वों की कड़ियाँ एक-दूसरे के जुड़ी होती है। रेखा संगठन निम्नलिखित प्रकार का हो सकता है-
शुद्ध रेखा संगठन तथा
विभागीय रेखा संगठन
• लम्बवत् अथवा रेखा एवं कर्मचारी संगठन अथवा रेखा तथा सहायक संगठन में कार्य का विभाजन स्वतन्त्र विभागों में होता है।
• विभागीय प्रमुखों को तकनीकी विशेषज्ञ सलाह देते हैं।
• रेखा तथा सहायक संगठन में 'रेखा' करने वाला तथा 'स्टाफ' सोचने वाला होता है।
• क्रियात्मक संगठन का विकास टेलर ने प्रबन्ध में विशिष्टीकरण करने के प्रयासों के अन्तर्गत किया है।
• टेलर के अनुसार - क्रियात्मक पद्धति में आठ अधिकारी होते हैं- टोली नायक, गति नायक, निरीक्षक, जीर्णोद्वार नायक, कार्यक्रम लिपिक, संकेत कार्ड लिपिक, समय तथा परिव्यय लिपिक व अनुशासन ।
• समिति संगठन के अन्तर्गत कार्यकलापों की देखरेख के लिए कार्यकारिणी समिति होती है।
• समिति संगठन के प्रारूप निम्नवत हैं-
स्थाई समिति, तथा
अस्थाई समिति |
• अन्तर-इकाई प्रशासन संगठन में प्रत्येक प्रकार के उत्पाद के निर्माण हेतु पृथक-पृथक संगठन की स्थापना की जाती है तथा विभागाध्यक्षों को नियंत्रण करने की अधिकतम स्वतन्त्रता दी जाती है।
• पार्श्व संगठन में अधीनस्थ वर्ग अपने निकटतम अधिकारी के प्रति उत्तरदायी होता है।
• आव्यूह या संयोजन संगठन संरचना क्रियाशील संगठन तथा शुद्ध परियोजना संगठन का 'सम्मिश्रण है या इनके बीच समझौते का द्योतक है।
• संगठन संरचना पर संगठन के उद्देश्यों, आकार, कार्य-प्रकृति, व्यापारिक क्षेत्र, पर्यावरण, प्रबन्धकीय क्षमता, तकनीक, अधीनस्थों की योग्यता, पद समता, प्रतियोगिता, प्रबन्धकीय व्यूहरचना आदि का प्रभाव पड़ता है।
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