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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2760
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- कविता शिक्षण में आदर्श पठन का महत्त्व बताइए।

अथवा
पद्य शिक्षण में सस्वर वाचन का क्या महत्त्व है?

उत्तर-

कविता शिक्षण में आदर्श पठन का महत्त्व

कविता शिक्षण में आदर्श पठन का सबसे अधिक महत्त्व है। शिक्षण की सफलता तथा असफलता का आधार पाठन या वाचन पर निर्भर करता है। आदर्श वाचन के महत्त्व को व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध शिक्षाविद् रायबर्न का कहना है कि - "अध्यापक का प्रथम कार्य चाहे वह किसी भी कक्षा में शिक्षण कर रहा हो यही होगा कि वह कविता का सस्वर पाठ करे। इसी कारण से अध्यापक को आदर्श पाठन करना अवश्य आना चाहिए। छात्रों को जो कुछ भी लाभ कविता सुनने से प्राप्त होगा वह अध्यापक के आदर्श वाचन पर बहुत कुछ निर्भर है। अध्यापक के आदर्श पठन से कविता के भाव छात्र भली प्रकार समझ जाएँगे।"

कुछ विद्वानों का यह मानना है कि कविता के आदर्श पाठन से उसका पूरा भाव सरलता से समझा जा सकता है कविता हृदय की वस्तु है कविता में पाठक और श्रोता दोनों काव्य रस का आनन्द उठाते हुए केवल सस्वर पाठ से ही उसके मर्म को समझ लेते हैं। उदाहरण के लिए, जयशंकर प्रसाद की निम्नलिखित पंक्तियों-

अरुण यह मधुमय देश हमारा जहाँ पहुँच अनजान पथिक को,
मिलता एक सहारा, अरुण यह मधुमय देश हमारा।

का यदि सस्वर वाचन किया जाए बिना मुश्किल के या अधिक चिन्तन मनन तथा व्याख्या के ही उक्त पंक्तियों में निहित देश प्रेम की ओत-प्रोत भावना स्वतः स्पष्ट हो जाती है। कविता शिक्षण के सस्वर एवं आदर्श पाठन के माध्यम से छात्रों में सृजनात्मकता दिया जा सकता है तथा छात्रों के अवधान को विषय-वस्तु पर केन्द्रित करके कक्षा का वातावरण अनुशासित बनाए रखने में मदद मिलती है।

इसके अतिरिक्त आदर्श पाठन के महत्त्व के सम्बन्ध में कहा जा सकता है कि प्रत्येक व्यक्ति स्वभावतः मुख से बोलकर ही अपनी भावनाओं, विचारों आदि की अभिव्यक्ति करता है। अतः किसी कविता का सस्वर पाठ करने से उसमें निहित भावार्थ को पढ़ने की अपेक्षा सुनने से अधिक स्वाभाविक रूप से समझा जा सकता है यही कारण है कि नाटकों, लीलाओं तथा कवि सम्मेलनों में जब कविता का सस्वर पाठ किया जाता है तो श्रोतागण मंत्र मुग्ध होकर कविता के काव्य सौन्दर्य का आनन्द उठाते हैं। अतः कविता के आदर्श एवं सस्वर पाठन का हिन्दी शिक्षण में विशिष्ट स्थान एवं महत्त्व है।

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