बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- प्रस्तावना प्रश्न एवं बोध प्रश्नों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
प्रस्तावना प्रश्न एवं बोध प्रश्नों का शिक्षण के दौरान विशेष महत्त्व होता है। प्रस्तावना प्रश्न तथा बोध प्रश्नों के अन्तर को निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-
1. प्रस्तावना प्रश्न प्रारम्भिक प्रश्न होते हैं जबकि बोध प्रश्न पाठ के बीच-बीच में या अन्त में पूछे जाते हैं।
2. प्रस्तावना प्रश्न छात्रों के पूर्व ज्ञान से सम्बन्धित होते हैं जबकि बोध प्रश्न पढ़ाए गए पाठ से सम्बन्धित ज्ञान की जाँच के लिए पूछे जाते हैं।
3. प्रस्तावना प्रश्न का उपयोग पूर्व ज्ञान का नवीन ज्ञान से सम्बन्ध स्थापित करने के लिए किया जाता है जबकि बोध प्रश्न का उद्देश्य छात्रों को पढ़ाई गई विषय-वस्तु का बोधात्मक परीक्षण करना होता है।
4. प्रस्तावना प्रश्नों का उद्देश्य छात्रों की विषय/प्रकरण के प्रति रुचि या जिज्ञासा उत्पन्न करना होता है जबकि बोध प्रश्नों से छात्रों की विषय / प्रकरण के प्रति अवधान बनाए रखने तथा पाठ को आत्मसात् कराने में सहायक होते हैं।
5. प्रस्तावना प्रश्नों में क्रमबद्धता होनी आवश्यक है तथा अन्तिम प्रश्न नए प्रकरण से सम्बन्धित होना चाहिए जबकि बोध प्रश्नों में ऐसा होना आवश्यक नहीं है।
6. प्रस्तावना प्रश्नों की संख्या सीमित होनी चाहिए दो या तीन प्रश्न होने चाहिए जबकि बोध प्रश्न अधिक भी हो सकते हैं।
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