बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पुनरावृत्ति प्रश्नों के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
हिंन्दी शिक्षण में पुनरावृत्ति प्रश्नों का विशेष महत्त्व होता है। पुनरावृत्ति का अर्थ है- दोहराना अर्थात् ऐसे प्रश्नों के द्वारा छात्रों को गद्यांशों का अर्थ, उनका भावार्थ, विचार तथ्यों, सूचनाओं एवं पूर्व में स्मरण किए गए प्रश्नों के उत्तरों को पुनः एक बार दोहराना या स्मरण करना ताकि स्मरण की गई विषय वस्तु भली-भाँति हमारे मस्तिष्क में स्थायित्व प्राप्त कर ले। प्रायः ऐसे प्रश्न शिक्षण कार्य के उपरान्त छात्रों से पूछे जाते हैं यद्यपि शिक्षण के दौरान बोध प्रश्न के रूप में पूछे गए प्रश्न भी आंशिक रूप से पुनरावृत्ति प्रश्नों का कार्य करते हैं। ऐसे प्रश्न शिक्षण कार्य के दौरान या शिक्षण कार्य के उपरान्त आदर्श पर उच्चारण अभास तथा अनुकरण वाचन आदि से सम्बन्धित होते हैं। इन प्रश्नों के माध्यम से ही शिक्षक छात्रों के विषयगत ज्ञान तथा उनकी बौद्धिक क्षमताओं का पता लगाते हैं तथा उत्तर- की अशुद्धियों एवं स्मरण की कमियों को दूर करने का कार्य करते हैं। इन प्रश्नों के माध्यम से छात्रों की स्मरण शक्ति बोधक्षमता तथा अभिव्यक्ति क्षमता का विकास होता है।
पुनरावृत्ति प्रश्नों के द्वारा शिक्षक छात्रों के पूर्व ज्ञान का पता लगाते हैं तथा भावी शिक्षण योजना का निर्माण करते हैं। ये प्रश्न विषय को संगठित करते हैं तथा इसका छात्रों को सक्रिय व अनुशासित रखने में
महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। पुनरावृत्ति प्रश्नों के महत्त्व के सम्बन्ध में रायबर्न ने लिखा है कि- "यदि दोहराने का अर्थ केवल यह है कि शिक्षक पढ़ाई हुई बात को दोहरा दे तो उससे कोई विशेष लाभ नहीं होता। प्रश्नों के द्वारा शिक्षक छात्रों को दोहराए जाने वाले कार्य को सक्रियता से याद करने में सहायता दे सकता है और परिणामस्वरूप ऐसा दोहराना अधिक प्रभावपूर्ण होता है।"
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